ESMA implemented in Uttar Pradesh: Strike banned Hindi

उत्तर प्रदेश में ESMA लागू: हड़ताल पर प्रतिबंध

20 फरवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार ने छह महीने के लिए सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगाते हुए आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA), 1968 लागू किया।

🟢 प्रमुख कारण और पृष्ठभूमि:

  • यह कदम विभिन्न यूनियनों द्वारा किसानों की हड़ताल की पृष्ठभूमि में लिया गया।
  • ESMA के तहत किसी भी अवैध हड़ताल के आयोजकों पर ₹1,000 का जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों का प्रावधान है।
  • पुलिस को बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है।

📌 मुख्य प्रावधान:

  • धारा-3(1) के तहत अधिनियम लागू करते हुए सभी सरकारी विभागों, निगमों और प्राधिकरणों में हड़ताल पर रोक लगाई गई है।
  • पूर्व में भी यूपी सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान मई 2021 में इस अधिनियम का उपयोग करते हुए हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया था।

⚖️ ESMA की पृष्ठभूमि:

  • 1968 में इस कानून को लागू किया गया ताकि आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी बाधित न हो, जिससे जनजीवन प्रभावित न हो।
  • यह भारतीय संविधान की 7वीं अनुसूची के समवर्ती सूची के तहत सेवा प्रदायगी से संबंधित कानून है।

🏢 सेवाएं जो ESMA के अंतर्गत आती हैं:

  • सार्वजनिक सुरक्षा, स्वच्छता, जल आपूर्ति, अस्पताल और राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी सेवाएँ
  • पेट्रोलियम, कोयला, विद्युत, इस्पात और उर्वरक के उत्पादन और वितरण से संबंधित प्रतिष्ठान
  • बैंकिंग, संचार, परिवहन, और खाद्यान्न वितरण से जुड़ी कोई भी सेवा

इस कदम का उद्देश्य राज्य में महत्वपूर्ण सेवाओं की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित करना है और कर्मचारियों के आंदोलन से उत्पन्न अराजकता को रोकना है।