यूपी में FDI में चार गुना वृद्धि: निवेश का नया गंतव्य
21 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘यूपी: भारत में विदेशी निवेश के लिये उभरता हुआ गंतव्य’ सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें राज्य में विदेशी निवेश की तेजी से बढ़ती प्रवृत्ति पर चर्चा की गई।
🔑 मुख्य बिंदु:
- 2019-23 में उत्तर प्रदेश ने 2000-17 की तुलना में चार गुना अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा यूपी के लिये तय लक्ष्यों को राज्य सरकार समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी।
📈 यूपी की बदली हुई छवि:
- बीते 7 वर्षों में उत्तर प्रदेश की छवि में बड़ा बदलाव हुआ है।
- पहले यूपी को BIMARU (बीमारू) राज्य माना जाता था, लेकिन अब इसे विदेशी निवेश का हॉटस्पॉट माना जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने बेहतर कानून व्यवस्था को निवेश आकर्षित करने का मुख्य कारण बताया।
राज्य में यह प्रगति औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधारों का परिणाम है, जो यूपी को विदेशी निवेशकों के लिये एक आकर्षक गंतव्य बना रहा है।
BIMARU: पिछड़ेपन से विकास की ओर बदलाव की राह
BIMARU शब्द उन राज्यों—बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश—का संक्षिप्त रूप है, जो ऐतिहासिक रूप से आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के लिए जाने जाते थे। ये राज्य उच्च गरीबी, निम्न साक्षरता दर, और कमजोर बुनियादी ढाँचे जैसी समस्याओं से जूझते रहे हैं।
🚧 BIMARU राज्यों के पिछड़ेपन के कारण:
- निवेश की कमी:
- इन राज्यों को अन्य प्रगतिशील राज्यों की तुलना में कम केंद्रीय निवेश मिला।
- कमजोर बुनियादी ढाँचा और सुविधाओं के अभाव ने व्यवसायों के संचालन को चुनौतीपूर्ण बना दिया।
- खराब शासन और भ्रष्टाचार:
- गवर्नेंस की समस्याओं के चलते भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, और पारदर्शिता की कमी बढ़ी।
- नतीजतन, निवेशकों का विश्वास कम हुआ और विकास परियोजनाओं में रुकावटें आईं।
- उच्च जनसंख्या वृद्धि:
- इन राज्यों ने तेज़ जनसंख्या वृद्धि का अनुभव किया, जिससे संसाधनों और सेवाओं पर अत्यधिक दबाव पड़ा।
- सरकारों के लिए बुनियादी सेवाएँ—जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा—प्रदान करना चुनौतीपूर्ण हो गया।
🛤 बदलाव की दिशा:
हाल के वर्षों में, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य निवेश और सुधारों के माध्यम से BIMARU की छवि को बदलने की दिशा में अग्रसर हैं। कानून-व्यवस्था और औद्योगिक विकास में सुधार से ये राज्य विदेशी और घरेलू निवेश के आकर्षण केंद्र बन रहे हैं, जिससे आर्थिक प्रगति की नई संभावनाएँ खुल रही हैं।