उत्तर प्रदेश: CSR फंड बढ़ाकर सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में पहल
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) को बढ़ावा देकर सामाजिक और आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निजी कंपनियों के सहयोग की योजना बना रही है।
🔑 मुख्य बिंदु:
- टॉप 5 राज्यों में से एक: यूपी CSR फंड प्राप्त करने वाले प्रमुख राज्यों में शामिल है, साथ ही महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और तमिलनाडु भी इस सूची में हैं।
- कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत, धारा 135 कंपनियों को पिछले तीन वर्षों के औसत लाभ का 2% CSR गतिविधियों में खर्च करने का निर्देश देती है।
- प्राइवेट सेक्टर का योगदान: राज्य ने CSR फंड के माध्यम से निजी कंपनियों के सहयोग को महत्वपूर्ण माना है।
📊 CSR फंड का विकास:
- 2014-15: ₹148 करोड़
- 2017-18: ₹435 करोड़
- 2021-22: ₹1,321 करोड़
- 2022-23: लगभग ₹1,500 करोड़
🛤 निवेश के प्रभाव और उद्देश्य:
CSR फंड के बढ़ते प्रवाह से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की जा रही है। राज्य सरकार का यह प्रयास निजी कंपनियों और सरकार के बीच साझेदारी को मजबूत कर स्थायी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।