madhya-pradesh-mining-convention-2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश में खनन सम्मेलन, 2024(Madhya Pradesh Mining Convention, 2024) का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य खनन और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना था, साथ ही सतत प्रथाओं और नई तकनीकों पर विचार-विमर्श भी किया गया।


मुख्य बिंदु

सम्मेलन (कॉन्क्लेव) का उद्देश्य:

  • खनन, तेल, गैस, और संबंधित उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देना।
  • सतत खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर ज़ोर।
  • नियामक ढाँचे को सरल बनाकर कुशल संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करना।

रणनीतिक और तकनीकी चर्चाएँ:

  • कोयला, ऊर्जा, चूना पत्थर, सीमेंट, और खनिज प्रसंस्करण पर चर्चा की गई।
  • ड्रोन तकनीक का उपयोग खदान परिचालन में सुधार के लिए और खनिज लाभकारीकरण (Mineral Beneficiation) में नवाचार की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
  • उन्नत खनिज प्रसंस्करण समाधान और खनन से जुड़े टिकाऊ मॉडल को प्रोत्साहित किया गया।

मध्य प्रदेश की खनिज संपदा

  • कोयला, चूना पत्थर, हीरे जैसे खनिजों से समृद्ध राज्य।
  • भारत के 90% हीरा भंडार मध्य प्रदेश में स्थित हैं, जो इसे देश के हीरा व्यापार का केंद्र बनाते हैं।
  • विकास के लिए पाँच ब्लॉक चिह्नित किए गए हैं, जो खनन उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

निवेश और सतत विकास का मार्ग

निवेश और सतत विकास एक दूसरे से गहराई से जुड़े हैं, और दोनों के संतुलन से समाज और पर्यावरण का स्थिर और सकारात्मक विकास संभव होता है। सतत विकास का अर्थ है आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय समृद्धि को बढ़ावा देना ताकि आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति में कोई कमी न हो।

इस सम्मेलन के माध्यम से सरकार और उद्योग जगत ने टिकाऊ खनन और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए। यह पहल न केवल निवेश आकर्षित करेगी बल्कि मध्य प्रदेश को खनन और ऊर्जा हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।


निष्कर्ष

मध्य प्रदेश खनन सम्मेलन, 2024 ने राज्य की खनिज संपदा के सतत और कुशल उपयोग के लिए एक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। नवाचार और निवेश को बढ़ावा देकर, राज्य आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखेगा।