पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF&CC) ने पर्यावरण राहत निधिं (संशोधन) योजना, 2024 अधिसूचित की
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF&CC) द्वारा अधिसूचित “पर्यावरण राहत निधि (संशोधन) योजना, 2024” का उद्देश्य 2008 की पर्यावरण राहत निधि (ERF) योजना में सुधार करना और उसे अधिक प्रभावी बनाना है। यह संशोधन लोक दायित्व बीमा अधिनियम (PLIA), 1991 की धारा 7A के तहत लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य खतरनाक पदार्थों से जुड़ी दुर्घटनाओं से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत प्रदान करना है।
इस योजना में किए गए महत्वपूर्ण संशोधनों पर विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है:
1. प्रशासन:
- अब ERF का प्रशासन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी प्रक्रिया केंद्रीय नियंत्रण के तहत और अधिक सुसंगत रूप से संचालित हो।
2. निधि प्रबंधक:
- पहले यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (UIIC) को KIRF के तहत निधि प्रबंधक के रूप में कार्यभार सौंपा गया था।
- 1 जनवरी, 2025 से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को ERF का निधि प्रवेचक नियुक्त किया गया है। CPCB को पांच साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है।
- CPCB की नियुक्ति से प्रदूषण नियंत्रण और खतरनाक पदार्थों के मामले में पर्यावरण संरक्षण से संबंधित निर्णय अधिक प्रभावी हो सकेंगे।
3. भुगतान (Disbursement):
- ERF के प्रबंधक को एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने और उसका रखरखाव करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह पोर्टल केंद्र सरकार के परामर्श से कार्य करेगा।
- निधि वितरण के लिए जिला कलेक्टर या केंद्र सरकार के आदेश पर राशि का वितरण किया जाएगा। यह प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर तत्काल राहत सुनिश्चित करेगी।
4. निवेश:
- ERF की राशि को सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों और बचत खातों में सही तरीके से निवेश किया जाएगा ताकि निधि की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इसका उद्देश्य यह है कि जब भी किसी दुर्घटना से पीड़ित व्यक्तियों को मदद की आवश्यकता हो, तो निधि तुरंत उपलब्ध हो।
5. पर्यावरणीय क्षति की मरम्मत:
- यदि खतरनाक पदार्थों के उत्पादन, प्रोसेसिंग, परिवहन, पैकेजिंग या अन्य कारणों से पर्यावरणीय क्षति होती है, तो ERF का उपयोग पर्यावरणीय मरम्मत के लिए किया जाएगा।
- इस योजना में खतरनाक पदार्थों से जुड़ी दुर्घटनाओं के प्रभावों को कम करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं ताकि पर्यावरण की बहाली के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सके।
6. लेखा परीक्षा:
- ERF के खातों की लेखा परीक्षा एक स्वतंत्र लेखा परीक्षक द्वारा की जाएगी। यह लेखा परीक्षक केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित पैनल से नियुक्त होगा।
- लेखा परीक्षा से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निधि का सही तरीके से उपयोग हो रहा है और कोई वित्तीय गड़बड़ी नहीं हो रही है।
उद्देश्य और महत्व:
इस संशोधन योजना का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरणीय सुरक्षा और तत्काल राहत की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और संगठित बनाना है। खासतौर से खतरनाक पदार्थों से संबंधित घटनाओं में पीड़ितों को त्वरित और पर्याप्त सहायता सुनिश्चित करने के लिए ERF की कार्यप्रणाली को बेहतर किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, इस योजना का उद्देश्य निवेश की सुरक्षा और प्रभावी निधि प्रबंधन के माध्यम से पर्यावरणीय नुकसान को तत्काल ठीक करने का है, ताकि खतरनाक पदार्थों से जुड़े घटनाओं से निपटने में कोई व्यवधान न आए और स्थानीय समुदायों को शीघ्र सहायता मिल सके।
निष्कर्ष:
संशोधित पर्यावरण राहत निधि (संशोधन) योजना, 2024 की योजना ने अपनी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित बनाया है, जिससे खतरनाक पदार्थों से जुड़ी घटनाओं से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। यह योजना देश के पर्यावरणीय सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाएगी।
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मुख्य संशोधनों पर एक नजर
- प्रभावित सार्वजनिक संपत्ति से प्रत्यक्ष और पर्याप्त संबंध व हित रखने वाले व्यक्ति भी संपत्ति की बहाली के लिए दावा कर सकते हैं।
- यह पर्यावरणीय क्षति की मरम्मत के लिए ERF के उपयोग का प्रावधान करता है।
- एकल दुर्घटना के लिए बीमा पॉलिसी कवरेज सीमा को बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये और एकाधिक दुर्घटनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।