विदेश मंत्री ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन से पहले भारत के प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला

विदेश मंत्री ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) सम्मेलन से पहले भारत के प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला


प्रवासी भारतीय दिवस हर दो साल में मनाया जाता है और यह 9 जनवरी को विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन की ऐतिहासिक अहमियत है, क्योंकि 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। यह दिवस इस महान घटना की स्मृति में मनाया जाता है और इसका उद्देश्य भारत सरकार और प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच मजबूत संबंध स्थापित करना है।


  • प्रवासी भारतीय वे लोग हैं जो भारत की सीमाओं से बाहर रहते हैं, लेकिन उनका मूल भारतीय है। इसमें एनआरआई (Non-Resident Indians), PIO (Persons of Indian Origin), और OCI (Overseas Citizen of India) शामिल होते हैं।
  • 2015 में PIO और OCI कार्डधारकों को एक ही श्रेणी, OCI के तहत शामिल किया गया।
  • प्रवासी भारतीयों की संख्या: मई 2024 तक, 35.42 मिलियन प्रवासी भारतीय हैं, जिनमें 15.85 मिलियन एनआरआई हैं। सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं (लगभग 5.4 मिलियन)।

  1. 💰 आर्थिक योगदान:
    • प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. 🔬 ज्ञान हस्तांतरण:
    • प्रवासी भारतीयों से प्राप्त तकनीकी ज्ञान और वित्तीय समर्थन भारत में उद्यमशीलता और विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है।
  3. 🌐 कूटनीतिक योगदान:
    • प्रवासी भारतीयों की बड़ी संख्या, खासकर दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया में, भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सशक्त बनाती है और भारत की वैश्विक छवि को बेहतर बनाती है।
  4. 🎶 भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना:
    • प्रवासी भारतीय भारतीय संगीत, भोजन, और आध्यात्मिकता को विदेशों में लोकप्रिय बनाकर भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देते हैं।

  • OCI कार्डधारक: ये वे व्यक्ति हैं, जो नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत OCI कार्डधारक के रूप में पंजीकृत होते हैं।
  • PIO: भारतीय मूल के व्यक्ति, जिनके पास विदेशी पासपोर्ट है।
  • NRI: भारतीय नागरिक जो विदेश में रहते हैं और जिनके पास भारतीय पासपोर्ट होता है।

  1. 🛂 ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) योजना:
    • यह योजना नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2005 के तहत शुरू की गई थी। इसके द्वारा प्रवासी भारतीयों को विशेष नागरिकता का दर्जा मिलता है।
  2. 🇮🇳 भारत को जानो कार्यक्रम (KIP):
    • यह 21-35 वर्ष के प्रवासी भारतीय युवाओं के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य उन्हें भारत के इतिहास, संस्कृति, और विकास के बारे में जानकारी देना है।
  3. 💼 भारतीय समुदाय कल्याण निधि (ICWF):
    • यह कोष प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए बनाया गया है, जो किसी आपातकाल या संकट की स्थिति में होते हैं।

प्रवासी भारतीय केवल भारत के सांस्कृतिक एम्बेसडर ही नहीं, बल्कि देश के आर्थिक, कूटनीतिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। उनकी भूमिका भारत के लिए बहुमूल्य है। भारत सरकार द्वारा की गई पहलें प्रवासी भारतीयों को जोड़ने और उनकी शक्ति को सम्मान देने का महत्वपूर्ण कदम हैं।