1. सिटीज़ कोएलिशन फॉर सर्कुलरिटी (C-3)
3 मार्च 2025 को, भारत ने ‘सिटीज़ कोएलिशन फॉर सर्कुलरिटी (C-3)’ नामक एक बहुराष्ट्रीय गठबंधन का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य शहर-दर-शहर सहयोग, ज्ञान साझा करने और निजी क्षेत्र के साझेदारी के माध्यम से स्थायी शहरी विकास को बढ़ावा देना है।
- गठबंधन का उद्देश्य: यह गठबंधन नीति निर्माताओं, उद्योग नेताओं, शोधकर्ताओं और विकास साझेदारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन दक्षता के लिए स्थायी समाधानों पर चर्चा और कार्यान्वयन कर सकेंगे।
- कार्यशाला और समझौता: इस कार्यक्रम में CITIIS 2.0 के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल के तहत 1,800 करोड़ रुपये के समझौते 14 राज्यों के 18 शहरों को लाभान्वित होंगे ।
- क्षेत्रीय 3R और सर्कुलर अर्थव्यवस्था मंच: यह मंच 2009 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन, संसाधन दक्षता और सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को बढ़ावा देना है।
- हनोई 3R घोषणा : हनोई 3R घोषणा (2013-2023) एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी, जिसमें अधिक संसाधन-कुशल और सर्कुलर अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए 33 स्वैच्छिक लक्ष्य निर्धारित किए गए थे।
- पर्यावरणीय चुनौतियाँ: तेजी से आर्थिक विकास, संसाधनों की कमी और बढ़ते अपशिष्ट उत्पादन ने पर्यावरणीय चुनौतियों को बढ़ा दिया है, जिसके लिए यह मंच नीति संवाद और क्षमता निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।