Daily Current News Analysis (10 March 2025)

March 10, 2025 |Kredoz IAS | Daily Interactive News (DIN)

For All Competitive Exam

Short News

  1. 🚠 सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनेगा रोपवे – यात्रा होगी आसान और सुविधाजनक!
  2. 📚 साहित्य अकादमी “फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025” का भव्य आयोजन!
  3. 🌍 दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड A23a साउथ जॉर्जिया द्वीप के पास फंसा!
  4. 🇮🇳 राष्ट्रपति ने ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया!

News Analysis

  1. 🤖 कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क्स (Artificial Neural Networks – ANNs)
  2. 🚀 एचडीएफसी बैंक ने ‘प्रोजेक्ट HAKK’ लॉन्च किया
  3. 🐟 मत्स्य पालन स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0
  4. 🇮🇳 शौर्य वेदनम उत्सव
  5. ⚔ युद्ध अभ्यास: ट्रोपेक्स 2025
  6. 🔍 आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों पर करारोपण के निहितार्थ

Short News

भारत सरकार ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबे रोपवे के निर्माण को मंजूरी दी है। यह रोपवे हर मौसम में अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे यात्रा का समय घटकर केवल 36 मिनट रह जाएगा और पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

📌 परियोजना के मुख्य बिंदु

🔹 अनुमोदन एवं लागत:
✅ इस परियोजना को मंत्रिमंडल आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने मंजूरी दी है।
अनुमानित लागत: ₹4,081.28 करोड़।

🔹 निर्माण मोड:
डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) में विकसित किया जाएगा।

🔹 प्रयुक्त तकनीक:
त्रि-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3S) प्रणाली – यह एक उन्नत रोपवे तकनीक है, जो मजबूत, सुरक्षित और कुशल परिवहन सुनिश्चित करती है।

🔹 यात्री क्षमता:
✅ प्रति घंटे प्रति दिशा 1,800 यात्री (PPHPD)
✅ प्रतिदिन 18,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे

🔹 यात्रा समय में भारी कमी:
✅ वर्तमान में 8-9 घंटे लगने वाली कठिन यात्रा अब सिर्फ 36 मिनट में पूरी होगी।

🛤️ रोपवे के प्रमुख लाभ

बेहतर पहुंच:
गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी की कठिन चढ़ाई के लिए एक आसान और सुरक्षित विकल्प मिलेगा।

श्रद्धालुओं की सुविधा:
केदारनाथ की यात्रा अब अधिक सुविधाजनक, तेज़ और पर्यावरण-अनुकूल होगी।

पर्यटन को बढ़ावा:
केदारनाथ धाम तक पहुंच आसान होने से श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

आर्थिक विकास:
रोपवे से निर्माण, संचालन, आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र में नए रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे

पर्यावरणीय स्थिरता:
🔹 खच्चरों, पालकियों और हेलीकॉप्टरों पर निर्भरता घटेगी
🔹 इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण को लाभ मिलेगा।

🏔️ केदारनाथ मंदिर के बारे में संक्षिप्त जानकारी

🔹 स्थान:
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, जिसकी ऊंचाई 3,583 मीटर (11,968 फीट) है।

🔹 धार्मिक महत्व:
✅ यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
✅ यह पंच केदार मंदिरों में भी शामिल है।

🔹 खुलने का समय:
मंदिर हर साल 6-7 महीने (अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर) तक खुला रहता है।

🔹 श्रद्धालुओं की संख्या:
हर साल 20 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं

🔚 निष्कर्ष

✅ सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे भारत की सबसे लंबी रोपवे परियोजनाओं में से एक होगी।
✅ इससे श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को बड़ा फायदा मिलेगा।
✅ यह परियोजना केदारनाथ यात्रा को सुगम, तेज़, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाएगी
रोजगार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। 🚀✨

UPSC Foundation Course 2026
UPSC Foundation Course 2026

साहित्य अकादमी, जो संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन भारत की प्रमुख साहित्यिक संस्था है, 7 मार्च से 12 मार्च 2025 तक रवींद्र भवन, नई दिल्ली में “फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025” का आयोजन करेगी। यह एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव माना जाता है, जिसमें 700 से अधिक लेखक, 50+ भाषाओं के प्रतिनिधि और 100+ साहित्यिक सत्र होंगे।

📌 प्रमुख बिंदु

उद्घाटनकर्ता:
🎤 केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत

मुख्य अतिथि:
🎭 प्रसिद्ध अंग्रेजी नाटककार महेश दत्तानी

संवत्सर व्याख्यान वक्ता:
📚 प्रख्यात लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी

मुख्य विषय:
📝 “भारतीय साहित्यिक परंपराएँ” – इस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी।

🌏 एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव

🎓 राष्ट्रीय संगोष्ठी:
📅 तीन दिवसीय चर्चा, जिनमें भारत के प्रमुख लेखक एवं विचारक भाग लेंगे।

🌍 समावेशी भागीदारी

📌 युवा लेखक
📌 महिला लेखक
📌 दलित लेखक
📌 उत्तर-पूर्वी और आदिवासी लेखक
📌 LGBTQ लेखक

📖 विशेष कार्यक्रम: बाल साहित्य

👦 “स्पिन अ टेल” – दिनभर चलने वाला कहानी सुनाने और रचनात्मक लेखन का विशेष सत्र।

🎭 सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

🎶 राकेश चौरसिया – बांसुरी वादन
🎼 नलिनी जोशी – हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन
📖 फौज़िया दस्तांगो और रितेश यादव“दास्तान-ए-महाभारत” की कहानी प्रस्तुति

🚀 विशेष आकर्षण

साहित्य अकादमी पुरस्कार 202523 भाषाओं में प्रदान किए जाएंगे।
सभी साहित्य प्रेमियों के लिए नि:शुल्क प्रवेश

📍 आइए, भारत की साहित्यिक विरासत का जश्न मनाएं और इस अनूठे महोत्सव का हिस्सा बनें! ✨📚

UPPCS Foundation Course in hindi
UPPCS Foundation Course in hindi

दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड A23a, जो रोड आइलैंड के आकार का और लगभग एक ट्रिलियन टन वजनी है, ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र साउथ जॉर्जिया के पास अटक गया है। यह क्षेत्र अपनी विविध वन्यजीव आबादी के लिए प्रसिद्ध है। वैज्ञानिक हिमखंड की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित करेगा।

📌 मुख्य बिंदु

हिमखंड A23a की विशेषताएँ:
🧊 सबसे बड़ा हिमखंड – रोड आइलैंड के बराबर आकार
⚖️ वजन – लगभग 1 ट्रिलियन टन
📍 कहाँ से टूटा?1986 में अंटार्कटिका के फ़िल्चनर आइस शेल्फ़ से
🌊 30+ वर्षों तक वेडेल सागर में फंसा रहा
🚢 2020 में मुक्त होकर अंटार्कटिक प्रायद्वीप के पास उत्तर की ओर बढ़ने लगा
🛰️ 1 मार्च 2025 की सैटेलाइट छवियों से पुष्टिसाउथ जॉर्जिया से 73 किमी दूर महाद्वीपीय शेल्फ़ पर अटका

🐧 वन्यजीवों पर प्रभाव

🔹 साउथ जॉर्जिया क्षेत्र लाखों सील और पेंगुइनों का घर है।
🔹 भोजन मार्ग बाधित – पेंगुइन और सील के शावकों को भोजन मिलने में कठिनाई हो सकती है।
🔹 प्रवास मार्ग अवरुद्ध – कई समुद्री जीवों के आवागमन पर असर पड़ सकता है।

🌱 पर्यावरणीय लाभ

🔹 पिघलते हिमखंड से पोषक तत्व महासागर में घुलेंगे
🔹 फाइटोप्लांकटन (सूक्ष्म शैवाल) की वृद्धि – समुद्री खाद्य श्रृंखला को बढ़ावा मिलेगा
🔹 समुद्री जीवों (सील, पेंगुइन) की आबादी को लाभ हो सकता है

🔬 वैज्ञानिक अनुसंधान के अवसर

🔍 महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव
🌊 कार्बन अवशोषण और जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन
⛰️ समुद्र तल पर भूवैज्ञानिक निशान और संभावित भूस्खलन का निरीक्षण

🚢 हिमखंड के फिर से आगे बढ़ने की संभावना

🌊 कनाडाई बर्फ विशेषज्ञ डोनावन ट्रेम्बले का मानना है कि A23a मजबूत तूफानों और महासागरीय धाराओं के कारण फिर से हिल सकता है
🌍 2020 में A68a हिमखंड भी साउथ जॉर्जिया के पास फंसा था, लेकिन बाद में टूटकर समुद्र में 152 गीगाटन ताजा पानी छोड़ दिया था

️ क्या A23a जलवायु परिवर्तन के संकेत दे रहा है?

हिमखंडों का टूटना और बहना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन बढ़ता वैश्विक तापमान इस गति को तेज कर सकता है। 🌎🔥

👉 क्या यह हिमखंड आगे बढ़ पाएगा, या यहीं रुककर पारिस्थितिकी तंत्र को बदल देगा? वैज्ञानिकों की नजर इस पर बनी हुई है! 🛰️

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📅 5 मार्च 2025 | राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ के दूसरे संस्करण का भव्य उद्घाटन किया। यह महोत्सव भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जिसमें हर बार एक विशेष क्षेत्र की झलक देखने को मिलती है।

👉 इस बार का आयोजन विशेष रूप से दक्षिण भारत और उसके केंद्र शासित प्रदेशों पर केंद्रित है, जिसमें कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं।


🎭 प्रमुख आकर्षण | Highlights

1️ उद्देश्य और थीम

भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव
इस बार दक्षिण भारत के हस्तशिल्प, साहित्य, कला और व्यंजनों पर विशेष ध्यान
कारीगरों और कलाकारों को मंच प्रदान करना


2️ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ | Cultural Showcases

🎨 हस्तशिल्प और हथकरघा प्रदर्शनियाँ
📖 साहित्यिक कार्यक्रम – दक्षिण भारतीय इतिहास और परंपराओं पर चर्चा
🍛 विशेष भोजन मंडप – दक्षिण भारतीय व्यंजनों का आनंद
💃 नृत्य और संगीत कार्यक्रम – भरतनाट्यम, कथकली, कुचिपुड़ी और कर्नाटक संगीत प्रस्तुतियाँ


3️ भागीदारी और सहभागिता | Participation

👩‍🎨 500+ कारीगर और बुनकर भाग ले रहे हैं
🗣️ आम जनता को कलाकारों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों से संवाद का अवसर
📈 स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ावा


4️ सात क्षेत्रीय संस्करणों में आयोजन | 7 Regional Editions

📍 पूर्वोत्तर भारत
📍 दक्षिण भारत (वर्तमान संस्करण)
📍 उत्तर भारत
📍 पूर्व भारत
📍 पश्चिम भारत
📍 मध्य भारत
📍 केंद्र शासित प्रदेश


📅 कार्यक्रम विवरण | Event Details

📆 तिथियाँ: 6 मार्च – 9 मार्च 2025
समय: प्रातः 10 बजे – रात्रि 8 बजे
📍 स्थान: राष्ट्रपति भवन (प्रवेश – गेट नंबर 35)
🌐 ऑनलाइन बुकिंग: visit.rashtrapatibhavan.gov.in

🚀 क्या आपने इस महोत्सव को अनुभव किया? कौन सा हिस्सा आपको सबसे रोमांचक लगा? 🤩

News Analysis

कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क्स (ANNs) मशीन लर्निंग का एक उपसमूह हैं, जो मानव मस्तिष्क की तरह कार्य करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये जटिल समस्याओं को हल करने, पैटर्न पहचानने और निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।

🧠 कार्य सिद्धांत (Working Principle)

ANNs मानव मस्तिष्क से प्रेरित होते हैं और इनमें कृत्रिम न्यूरॉन्स (Artificial Neurons) परतों (Layers) में व्यवस्थित होते हैं।
डेटा प्रोसेसिंग: इनपुट डेटा पर भार (Weights) लागू किया जाता है।
सक्रियण कार्य (Activation Functions): निर्णय लेने के लिए उपयोग होते हैं।
सुधार प्रक्रिया: नेटवर्क अपनी सटीकता सुधारने के लिए भार समायोजित करता है।

🔍 कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क्स के प्रकार (Types of ANNs)

📊 1. डीप न्यूरल नेटवर्क्स (Deep Neural Networks – DNNs)

✅ इसमें कई छिपी हुई परतें होती हैं, जो जटिल पैटर्न्स को पहचानने में मदद करती हैं।
🔹 उपयोग: भाषण मान्यता, वित्तीय मॉडलिंग, स्वायत्त प्रणालियां।

🖼️ 2. कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क्स (Convolutional Neural Networks – CNNs)

✅ छवियों और वीडियो डेटा को प्रोसेस करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
🔹 उपयोग: चेहरा पहचान, चिकित्सा इमेजिंग विश्लेषण, सेल्फ-ड्राइविंग कार्स।

🔁 3. रिकरेंट न्यूरल नेटवर्क्स (Recurrent Neural Networks – RNNs)

✅ यह अनुक्रमिक डेटा (Sequential Data) को प्रोसेस करने में सक्षम हैं।
🔹 उपयोग: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP), समय-श्रृंखला पूर्वानुमान।

🎭 4. जनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क्स (Generative Adversarial Networks – GANs)

✅ दो प्रतिस्पर्धी नेटवर्क होते हैं – जनरेटर (नकली डेटा बनाता है) और डिस्क्रिमिनेटर (वास्तविकता की जांच करता है)।
🔹 उपयोग: डीपफेक वीडियो, AI-Generated Music, वास्तविक दिखने वाली छवियां।


5. स्पाइकिंग न्यूरल नेटवर्क्स (Spiking Neural Networks – SNNs)

✅ यह न्यूरॉन्स की फायरिंग प्रक्रिया को अनुकरण करके जैविक रूप से अधिक यथार्थवादी होते हैं।
🔹 उपयोग: रोबोटिक्स, न्यूरोमोर्फिक कंप्यूटिंग, ऊर्जा-कुशल AI सिस्टम्स।

🔥 निष्कर्ष (Conclusion)

कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क्स AI का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग के विकास के साथ, ये नेटवर्क भविष्य में और अधिक उन्नत एवं प्रभावी बनते जा रहे हैं। 🚀

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🏆 चर्चा में क्यों?

एचडीएफसी बैंक ने भारतीय वायु सेना (IAF) के पेंशनभोगियों, दिग्गजों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए ‘प्रोजेक्ट HAKK’ (हवाई अनुभव कल्याण केंद्र) शुरू किया है।
MoU हस्ताक्षरित – बैंक ने सहायक वायुसेनाध्यक्ष (लेखा एवं वायु सैनिक) कार्यालय और सीएससी अकादमी के साथ समझौता किया।

🎯 उद्देश्य

✅ भारतीय वायुसेना के दिग्गजों और उनके परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना।
✅ रक्षा कर्मियों को वित्तीय और सामाजिक सहायता प्रदान करना।
✅ बैंक की सामाजिक प्रतिबद्धता को मजबूत करना।

🏢 प्रोजेक्ट HAKK के तहत प्रमुख सुविधाएं

25 सहायता केंद्र देशभर में स्थापित किए जाएंगे।
✅ स्थान: नई दिल्ली, बेंगलुरु, गुड़गांव, पुणे, सिकंदराबाद, गुवाहाटी, जोधपुर, चंडीगढ़, आदि।
✅ सेवाएं: वित्तीय सहायता, कौशल विकास, सरकारी सेवाओं की सुविधा

💼 सेवाएं और सुविधाएं

एचडीएफसी बैंक, सीएससी अकादमी के सहयोग से निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करेगा:
🔹 वित्तीय उत्पादों में कौशल विकास और प्रशिक्षण।
🔹 रक्षा सेवा दिग्गजों और उनके परिवारों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु मार्गदर्शन।
🔹 500+ G2C और B2C सेवाएं:

  • आधार सेवा
  • NPS (राष्ट्रीय पेंशन योजना)
  • पैन कार्ड, पासपोर्ट
  • बिल भुगतान संग्रह आदि।

🎖️ निष्कर्ष

‘प्रोजेक्ट HAKK’ भारतीय वायुसेना के दिग्गजों और उनके परिवारों को वित्तीय एवं सामाजिक सहायता प्रदान करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे और विभिन्न सरकारी सेवाओं का आसानी से लाभ उठा सकेंगे। 💙✈️

UPSC Foundation Course 2026
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🔥 चर्चा में क्यों?

8 मार्च 2025 को हैदराबाद, तेलंगाना में मत्स्यपालन स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0 आयोजित हुआ।
✅ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और प्रो. एसपी सिंह बघेल सहित कई सरकारी अधिकारी और मत्स्यपालन स्टार्टअप उद्यमी शामिल हुए।


🎯 कार्यक्रम का उद्देश्य

मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना।
ई-कॉमर्स और स्टार्टअप अवसरों पर विचार-विमर्श।
नई तकनीकों के एकीकरण पर चर्चा।


📢 प्रमुख घोषणाएँ और पहल

📱 राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) मोबाइल ऐप लॉन्च
️ यह ऐप मत्स्य पालन से जुड़ी सेवाओं और संसाधनों तक डिजिटल पहुंच को सरल बनाएगा।

🚀 मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0 का अनावरण
️ स्टार्टअप्स और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता।

💡 मत्स्य पालन स्टार्टअप उद्यमी मॉडल अनुमोदन
️ उभरते उद्यमों को मान्यता और समर्थन देकर मत्स्य पालन स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना।


🌊 भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र का महत्व

3 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
✅ सरकार ने 2015 से 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया।
ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम, एफआईडीएफ, पीएमएमएसवाई, पीएम-एमकेएसएसवाई जैसी योजनाओं के जरिए सतत विकास को बढ़ावा।
300+ स्टार्टअप्स उन्नत तकनीकों जैसे ब्लॉकचेन, IoT और AI का उपयोग कर व्यावसायिक समाधान विकसित कर रहे हैं


🏆 नवाचार और स्टार्टअप को समर्थन

🔹 मत्स्य मंथन श्रृंखला
ज्ञान आदान-प्रदान और सहयोग का मंच, जहां नए रुझानों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की जाती है।

🔹 इनक्यूबेशन केंद्रों की स्थापना
स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करने के लिए विशेष केंद्र।

📌 प्रमुख इनक्यूबेशन केंद्र:
🏢 LIFIC, गुरुग्राम – 2021 में स्थापित।
🏢 गुवाहाटी बायोटेक पार्क, असम – 9 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित।
🏢 ICAR-CIFE मुंबई, ICAR-CIFT कोच्चि, MANAGE हैदराबाद100+ स्टार्टअप्स, एफपीओ, एसएचजी और सहकारी समितियों को समर्थन


📌 निष्कर्ष

मत्स्य पालन स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2.0 भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र को तकनीकी नवाचारों, स्टार्टअप अवसरों और सरकारी समर्थन के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। 🚀🐠

UPPCS Foundation Course in hindi
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🎯 चर्चा में क्यों?

7-8 मार्च 2025 को पहली बार बिहार के मोतिहारी में शौर्य वेदनम उत्सव आयोजित किया गया।


🚀 कार्यक्रम का उद्देश्य

भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना की सैन्य शक्ति का जीवंत प्रदर्शन।
युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना


🎖 मुख्य अतिथि

🟢 बिहार के राज्यपालश्री आरिफ मोहम्मद खान
🟢 सांसद एवं रक्षा मामलों की समिति के अध्यक्षश्री राधा मोहन सिंह
🟢 मध्य कमान के कमांडरलेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता


🛡 मुख्य आकर्षण

🏗 सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी

टी-90 युद्धक टैंक
स्वदेशी के-9 वज्र स्व-चालित तोप
बीएमपी वाहन
डब्ल्यूएलआर स्वाति रडार

भारतीय वायुसेना का फ्लाईपास्ट

3 सुखोई-30 लड़ाकू विमान
2 एएन 32 परिवहन विमान
चेतक हेलीकॉप्टर
आकाश गंगा टीम का 8,000 फीट से रोमांचक पैराजंप प्रदर्शन

भारतीय नौसेना का प्रदर्शन

नौसेना के कर्मियों द्वारा युवाओं को प्रेरित करना
नौसेना की त्रि-आयामी क्षमताओं का प्रदर्शन
नौसेना बैंड द्वारा शानदार प्रस्तुति


🎭 अन्य कार्यक्रम

मार्शल आर्ट प्रदर्शन
सैन्य बैंड का प्रदर्शन
विशेष बलों का युद्ध कौशल प्रदर्शन
मोटरसाइकिल स्टंट और डॉग शो


🎓 भूतपूर्व सैनिकों के लिए विशेष पहल

जॉब फेयर का आयोजन
पुनर्वास निदेशालय द्वारा करियर मार्गदर्शन और सहायता


🤝 सामाजिक भागीदारी

स्थानीय नागरिकों, एनसीसी कैडेट्स और छात्रों की भागीदारी
शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु स्मारक स्थल का निर्माण


🇮🇳 “आत्मनिर्भर भारत” पर विशेष जोर

स्वदेशी सैन्य उपकरणों और तकनीक का प्रदर्शन


📌 निष्कर्ष

शौर्य वेदनम उत्सव भारतीय युवाओं को रक्षा क्षेत्र से जोड़ने, राष्ट्रवाद को प्रोत्साहित करने और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की एक ऐतिहासिक पहल है। 🚀🇮🇳

🎯 चर्चा में क्यों?

भारतीय नौसेना द्वारा कैपस्टोन युद्धक्षेत्र स्तरीय परिचालन अभ्यास (ट्रोपेक्स) 2025 का आयोजन जनवरी से मार्च 2025 तक किया गया।


📌 ट्रोपेक्स 2025 के प्रमुख बिंदु

🕰 अवधि एवं उद्देश्य

तीन महीने (जनवरी से मार्च 2025)
नौसेना के परिचालन सिद्धांतों की पुष्टि


🚢 मुख्य अभ्यास

एम्फेक्स – जल-स्थलीय युद्ध अभ्यास
संयुक्त कार्य प्रणाली – लक्ष्य पर सटीक युद्ध सामग्री डिलीवरी
साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध – डिजिटल सुरक्षा और हमलों पर फोकस
सामरिक चरण – विविध युद्ध स्थितियों से निपटने का अभ्यास


🌊 अभ्यास क्षेत्र

पश्चिम में होर्मुज जलडमरूमध्य से पूर्व में सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य तक (5000 समुद्री मील)


🚀 सक्रिय भागीदारी

भारतीय नौसेना

65-70 युद्धपोत
9-10 पनडुब्बियां
80+ विमान

🛩 अन्य बलों की भागीदारी

भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय तटरक्षक बल
सुखोई-30, जगुआर, सी-130, फ्लाइट रिफ्यूलर, अवाक्स विमान
600+ पैदल सैनिक, 10+ तटरक्षक जहाज


🎭 कैपस्टोन थिएटर लेवल ऑपरेशनल एक्सरसाइज (ट्रोपेक्स)

भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धक्षेत्र स्तरीय अभ्यास
हर दो वर्ष में हिंद महासागर में आयोजित
नौसेना की रणनीतिक तैयारियों और युद्ध क्षमता का आकलन


📌 निष्कर्ष

ट्रोपेक्स 2025 भारतीय नौसेना की रणनीतिक शक्ति, परिचालन क्षमता और समुद्री युद्ध कौशल को मजबूत करता है, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा और समुद्री प्रभुत्व को बढ़ावा मिलता है। 🚢🇮🇳

UPSC Foundation Course 2026
UPSC Foundation Course 2026

📌 संदर्भ

✅ वर्तमान में डिजिटल अर्थव्यवस्थाएँ और ब्लॉकचेन तकनीक वैश्विक वित्त प्रणाली को नया स्वरूप दे रही हैं।
✅ भारत सहित विभिन्न देश आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों (Virtual Digital Assets – VDA) के विनियमन, वर्गीकरण और कराधान से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
✅ इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया है।


📜 आयकर विधेयक, 2025 की प्रमुख विशेषताएँ

वी.डी.ए. की परिभाषाधारा 2(111) में वी.डी.ए. को संपत्ति और पूंजीगत परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
क्रिप्टो संपत्तियाँ, नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) एवं अन्य डिजिटल परिसंपत्तियाँ इस श्रेणी में शामिल हैं।
वी.डी.ए. पर 30% कर लगाया गया है।


📊 कराधान और अनुपालन

1️   पूंजीगत परिसंपत्ति के रूप में कराधान
धारा 76(1) के तहत वी.डी.ए. को रियल एस्टेट, स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्तियों के समान कर योग्य बनाया गया है।
लेन-देन, हस्तांतरण या बिक्री से प्राप्त लाभ पर पूंजीगत लाभ कर लागू होगा।
यह अनियमित वित्तीय साधनों के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा।

2️ कर कटौती का लाभ नहीं
वी.डी.ए. के लेन-देन में माइनिंग, ट्रांजैक्शन शुल्क, प्लेटफॉर्म कमीशन और गैस शुल्क की कटौती अनुमति नहीं होगी।
उदाहरण:

  • यदि कोई निवेशक ₹5 लाख में इथेरियम खरीदता है और उसे ₹7 लाख में बेचता है, तो ₹2 लाख के लाभ पर 30% कर लगेगा

3️ स्रोत पर कर कटौती (TDS) लागू
धारा 393 के तहत 1% TDS लागू किया गया है।
₹50,000 (छोटे व्यापारियों) और ₹10,000 (अन्य के लिए) की सीमा तय की गई है।
पीयर-टू-पीयर (P2P) लेन-देन भी TDS के दायरे में आएंगे।


🔍 वी.डी.ए. के लिए सख्त अनुपालन नियम

आयकर रिटर्न में जानकारी देना अनिवार्य (धारा 301)
✔ यदि कोई व्यक्ति वी.डी.ए. होल्डिंग्स की रिपोर्ट नहीं करता, तो उसे अघोषित आय माना जाएगा।
कर अधिकारियों को वी.डी.ए. जब्त करने की शक्ति (धारा 524)
क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म को लेन-देन की रिपोर्टिंग अनिवार्य (धारा 509)
वी.डी.ए. को वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में जोड़ा जाएगा जिससे सरकार कर अनुपालन सुनिश्चित कर सके।


🌎 अन्य देशों में वी.डी.ए. कराधान और नियमन

देशविनियमन और कराधान नीति
🇬🇧 यू.के.पूंजीगत लाभ कर के तहत आता है, न्यायालय क्रिप्टो परिसंपत्तियों को जब्त कर सकता है।
🇺🇸 अमेरिकाSEC कई क्रिप्टो संपत्तियों को प्रतिभूतियों के रूप में मानता है।
🇳🇿 न्यूजीलैंडक्रिप्टो परिसंपत्तियों को संपत्ति के रूप में मानता है और इन पर कर लगाया जाता है।
🇦🇪 UAEVARA के तहत क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित किया जाता है।

🚨 भारत में वी.डी.ए. विनियमन से जुड़ी चुनौतियाँ

स्पष्ट नियामक ढांचे की कमी
निवेशक संरक्षण और प्रवर्तन तंत्र की सीमाएँ
विनिमय और लेन-देन के लिए मानक दिशानिर्देशों का अभाव


🛤 आगे की राह

अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप वी.डी.ए. को पूंजीगत संपत्ति के रूप में वर्गीकृत करना सही कदम है।
सरकार को एक सुसंगत नीति ढांचा विकसित करना होगा, जो वित्तीय विनियमन, उपभोक्ता संरक्षण और तकनीकी विकास के बीच संतुलन बनाए।
अनुपालन और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ब्लॉकचेन ट्रैकिंग सिस्टम को लागू करना होगा।


🔎 निष्कर्ष

आयकर विधेयक, 2025 के तहत वी.डी.ए. को संपत्ति के रूप में परिभाषित करना भारतीय वित्तीय तंत्र में पारदर्शिता लाने और अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक संतुलित, व्यापक और स्पष्ट नियामक ढांचे की आवश्यकता होगी। 🚀