तेलंगाना में हाल ही में खोजे गए नए पुरातात्विक स्थल
तेलंगाना राज्य में हाल ही में कई महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल (archaeological sites) की खोज हुई है, जो दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास, मानव बसावट, मेगालिथिक सभ्यता और बौद्ध धर्म के प्रसार पर नई रोशनी डालते हैं।
1. ऊरगुट्टा (Ooragutta) – लौह युगीन मेगालिथिक स्थल
- स्थिति: तेलंगाना में स्थित एक प्राचीन स्थल।
- प्रकार: यह एक मेगालिथिक (महापाषाण कालीन) स्थल है, जो लौह युग (Iron Age) से संबंधित है।
- महत्त्व: यहां पर ऐसे अवशेष पाए गए हैं जो इस क्षेत्र में प्राचीन दफन परंपराओं और सामाजिक संरचना का संकेत देते हैं।
मेगालिथिक संरचनाओं के प्रकार:
- चैंबर टॉम्ब्स (Chamber Tombs) – जैसे डोल्मेनॉयड सिस्ट्स।
- अनचैंबरड टॉम्ब्स (Unchambered Tombs) – पत्थरों से घिरी कब्रें।
- गैर–दफन मेगालिथ (Non-funerary Megaliths) – धार्मिक या स्मारकीय उद्देश्यों के लिए निर्मित।
डोल्मेनॉयड सिस्ट्स (Dolmenoid Cists):
- यह अर्ध–भूमिगत कब्रें (semi-subterranean tombs) होती हैं, जिनमें एक कक्ष होता है।
- इनका उपयोग अंत्येष्टि या पूर्वजों की पूजा के लिए होता था।
जनजीवन:
- इन स्थलों से संकेत मिलता है कि उस काल की जनजातियाँ अर्ध–घुमंतू (semi-nomadic) जीवन जीती थीं और उनका कोई स्थायी उपनिवेश नहीं था।
2. दमरतोगु (Damaratogu) – नवीनतम रॉक आर्ट स्थल
- स्थिति: भद्राद्री कोठागुडेम ज़िले के गुंडाला मंडल में स्थित।
- प्रमुख खोज:
○ दो नए रॉक आर्ट साइट्स की पहचान की गई है।
○ चित्रों में केवल पशु आकृतियाँ हैं, मानव या हथियार नहीं हैं।
○ यह शैली क्षेत्र की सांस्कृतिक विशिष्टता को दर्शाती है।
3. फणिगिरी (Phanigiri) – बौद्ध पुरास्थल
- स्थान: सूर्यापेट ज़िला, तेलंगाना (~110 किमी हैदराबाद से)।
- नाम का अर्थ: फणिगिरी का अर्थ है “सर्प के फन जैसी पहाड़ी“।
- सम्बद्ध काल: सातवाहन (Satavahana) और इक्ष्वाकु (Ikshvaku) वंश – दूसरी से तीसरी शताब्दी ईस्वी।
प्रमुख खोजें:
- महास्तूप (Mahastupa) – विशाल बौद्ध स्तूप।
- चैत्य गृह (Chaitya Grihas) और विहार (Viharas) – ध्यान और आवास के स्थल।
- बोधिसत्त्व की स्टक्को मूर्ति – जीवन-आकार की।
- ब्राह्मी लिपि में शिलालेख – जो सातवाहन व इक्ष्वाकु काल की पुष्टि करते हैं।
- तोरण पर पैनल – यह दर्शाता है कि हीनयान और महायान बौद्ध परंपराएँ यहाँ सह-अस्तित्व में थीं।
4. बाविकोंडा मठ (Bavikonda Monastery), आंध्र प्रदेश
हालांकि यह तेलंगाना में नहीं है, लेकिन यह क्षेत्रीय बौद्ध विरासत के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण है।
- स्थिति: विशाखापत्तनम के पास, आंध्र प्रदेश में।
- नाम का अर्थ: बाविकोंडा का अर्थ है “कुओं की पहाड़ी” – यहाँ पहले कई वर्षा जल संचयन कुएँ थे।
- सम्बद्ध काल: तीसरी शताब्दी ईसा–पूर्व (3rd century BCE)।
प्रमुख संरचनाएँ:
- महास्तूप, आचार्य विहार, चैत्य गृह, बुद्ध पाद प्लेटफ़ॉर्म्स, वोटिव स्तूप।
- बौद्ध संप्रदाय: थेरवाद (हीनयान) बौद्ध परंपरा का केंद्र।
- वर्तमान स्थिति: स्वदेश दर्शन योजना के तहत ‘शालिहुंडम-थोटलकोंडा-बाविकोंडा-बोज्जनाकोंडा-अमरावती-अनुपु’ बौद्ध सर्किट का हिस्सा है।
- चुनौती: बजट की कमी के कारण संरक्षण और मरम्मत कार्य सीमित रह गए हैं।
निष्कर्ष:
तेलंगाना और आसपास के क्षेत्रों में हाल ही में हुई पुरातात्विक खोजें भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन संस्कृति, धार्मिक विकास और सामाजिक जीवन के गहन अध्ययन के लिए नई दिशा प्रदान करती हैं। ये स्थल विशेष रूप से लौह युगीन समाज, मेगालिथिक परंपराओं, और बौद्ध धर्म के प्रसार को समझने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- ऊरगुट्टा स्थल पर केवल चेंबरयुक्त मेगालिथ पाए गए हैं।
- डोल्मेनॉयड सिस्ट्स अर्ध-भूमिगत संरचनाएँ होती हैं जिनका प्रयोग मुख्यतः दाह संस्कार के लिए होता था।
- फणिगिरी स्थल पर केवल महायान बौद्ध परंपरा के प्रमाण मिले हैं।
उपयुक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 2
B. 1 और 3
C. केवल 1
D. 2 और 3
प्रश्न 2.
दमरतोगु रॉक आर्ट साइट को अन्य साइट्स से विशिष्ट बनाता है:
A. यहाँ शस्त्र और युद्ध के दृश्य प्रमुखता से दर्शाए गए हैं।
B. केवल मानव आकृतियाँ चित्रित हैं।
C. केवल पशु आकृतियाँ चित्रित हैं, मानव या हथियार नहीं।
D. यह स्थल गुप्त काल के बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बनाया गया था।
प्रश्न 3.
फणिगिरी स्थल से मिली कौन-सी खोज बौद्ध संप्रदायों के सह-अस्तित्व का प्रमाण है?
A. ब्राह्मी लिपि में शिलालेख
B. बोधिसत्त्व की मूर्ति
C. तोरण पर बना पैनल
D. महास्तूप का व्यास
प्रश्न 4.
निम्नलिखित स्थलों को उनके संबंधित राज्यों से सुमेलित कीजिए:
- फणिगिरी — (i) तेलंगाना
- बाविकोंडा — (ii) आंध्र प्रदेश
- थोटलकोंडा — (iii) केरल
सही सुमेलित युग्म है:
A. 1-(ii), 2-(iii), 3-(i)
B. 1-(iii), 2-(i), 3-(ii)
C. 1-(i), 2-(ii), 3-(ii)
D. 1-(ii), 2-(i), 3-(iii)
प्रश्न 5.
बाविकोंडा स्थल के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- यह स्थल थेरवाद बौद्ध धर्म से संबंधित है।
- यह स्थल स्वदेश दर्शन योजना के बौद्ध सर्किट में शामिल है।
- यह तीसरी शताब्दी ईसा-पूर्व का है।
सही विकल्प चुनिए:
A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2 और 3 सभी