जनगणना और नागरिक पंजीकरण प्रणाली का आधार

भारत के महारजिस्ट्रार : जनगणना और नागरिक पंजीकरण प्रणाली का आधार

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में जनसंख्या से जुड़ी जानकारी, जन्म-मृत्यु के रिकॉर्ड और नागरिक पंजीकरण का प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। इन सबकी ज़िम्मेदारी निभाते हैं भारत के महारजिस्ट्रार (Registrar General of India)


नियुक्ति और प्रशासनिक स्थिति

  • महारजिस्ट्रार की नियुक्ति जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत होती है।

  • ये केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करते हैं।


प्रमुख दायित्व

1. जनगणना का आयोजन

  • महारजिस्ट्रार की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है जनगणना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत हर दस साल में होने वाली आवास गणना और जनगणना का आयोजन।

  • भारत की जनगणना दुनिया की सबसे बड़ी जनगणनाओं में से एक मानी जाती है।

2. नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS)

  • जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (1969) के तहत देश में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करना।

  • यह न केवल व्यक्तिगत पहचान के लिए ज़रूरी है बल्कि सरकारी नीतियों और योजनाओं के लिए भी आधार प्रदान करता है।

3. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS)

  • SRS के माध्यम से जन्म और मृत्यु दर जैसे महत्वपूर्ण डेमोग्राफिक संकेतकों पर डेटा जुटाया जाता है।

  • यह स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास संबंधी नीतियों के लिए अहम जानकारी देता है।

4. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)

  • महारजिस्ट्रार ही देश का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करते हैं।

  • NPR नागरिकों से संबंधित बुनियादी डाटाबेस है, जो पहचान और नीति-निर्माण दोनों में मदद करता है।


महत्व

भारत के महारजिस्ट्रार का काम सिर्फ आँकड़े जुटाना नहीं, बल्कि—

  • सरकार की योजनाओं और संसाधनों का बेहतर आवंटन,

  • नागरिक सेवाओं की पहुँच बढ़ाना,

  • और देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को सही दिशा देना है।


निष्कर्ष

भारत के महारजिस्ट्रार देश की जनसंख्या और नागरिक डेटा प्रणाली की रीढ़ हैं। उनके द्वारा तैयार की गई जनगणना, CRS, SRS और NPR जैसी व्यवस्थाएँ भारत को नीतिगत निर्णय लेने में वैज्ञानिक आधार देती हैं।