स्माइल (SMILE) योजना : हाशिये पर खड़े लोगों के लिए नई उम्मीद
भारत सरकार समय-समय पर समाज के सबसे कमजोर और हाशिये पर खड़े वर्गों के लिए विशेष योजनाएँ लाती रही है। ऐसी ही एक पहल है “स्माइल (SMILE) योजना”, जिसका पूरा नाम है —
“Support for Marginalized Individuals for Livelihood and Enterprise”।
योजना की शुरुआत और संचालन
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यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना (Central Sector Scheme) है।
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इसे लागू करने की ज़िम्मेदारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) की है।
योजना की उप-योजनाएँ
स्माइल योजना दो प्रमुख उप-योजनाओं के माध्यम से काम करती है:
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ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए उप-योजना
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शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और सामाजिक स्वीकृति को बढ़ावा देना।
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ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ना।
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भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु उप-योजना
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भिक्षावृत्ति करने वालों के लिए आश्रय, पुनर्वास और रोजगार के अवसर।
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इन्हें आत्मनिर्भर बनाना और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना।
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योजना के प्रमुख प्रावधान
स्माइल योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को निम्न सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं:
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पुनर्वास और आश्रय केंद्र
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चिकित्सा सुविधाएँ और काउंसलिंग
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शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रम
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रोज़गार और आजीविका के अवसर
महत्व और प्रभाव
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यह योजना ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षावृत्ति में फँसे लोगों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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इससे सामाजिक न्याय, समानता और गरिमा सुनिश्चित होती है।
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शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से लाभार्थियों को स्थायी आजीविका का अवसर मिलता है।
निष्कर्ष
स्माइल (SMILE) योजना न केवल पुनर्वास की पहल है, बल्कि यह उन वर्गों को नई पहचान, सम्मान और अवसर देने का प्रयास है, जो लंबे समय से समाज से अलग-थलग रहे हैं। यह सचमुच “समावेशी विकास” की दिशा में भारत सरकार का सार्थक कदम है।