वायु प्रदूषण और जीवन प्रत्याशा पर प्रभाव

एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (AQLI) 2025: वायु प्रदूषण और जीवन प्रत्याशा पर प्रभाव

एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (Air Quality Life Index – AQLI) 2025 का वार्षिक अपडेट हाल ही में जारी किया गया है। यह इंडेक्स यह आकलन करता है कि कणिकीय वायु प्रदूषण (Particulate Air Pollution) मानव जीवन प्रत्याशा पर किस तरह से असर डालता है।


AQLI 2025 की प्रमुख बातें

1. भारत की स्थिति

  • यदि भारत में वायु प्रदूषण को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक स्तर तक सीमित कर दिया जाए तो भारतीयों की औसत आयु 3.5 वर्ष बढ़ सकती है।

  • दिल्ली: यहाँ लाभ सबसे अधिक होगा — औसत जीवन प्रत्याशा में 8.2 वर्ष की वृद्धि हो सकती है।
    👉 यह साफ दर्शाता है कि वायु प्रदूषण का सबसे गंभीर असर शहरी क्षेत्रों, खासकर महानगरों पर पड़ रहा है।

2. दक्षिण एशिया

  • AQLI रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया अब भी दुनिया का सबसे प्रदूषित क्षेत्र है।

  • इसमें भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश शामिल हैं।

  • इस क्षेत्र में उच्च जनसंख्या घनत्व और तीव्र औद्योगिकीकरण प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।


वायु प्रदूषण का जीवन पर असर

  • स्वास्थ्य प्रभाव: सांस संबंधी रोग, हृदय रोग, कैंसर और बच्चों के विकास पर नकारात्मक असर।

  • आर्थिक असर: स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि और उत्पादकता में कमी।

  • सामाजिक असर: जीवन प्रत्याशा घटने से समाज के विकास सूचकांकों पर नकारात्मक प्रभाव।


समाधान और आगे की दिशा

  1. स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग

    • कोयले पर निर्भरता कम करना, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना।

  2. वाहन प्रदूषण नियंत्रण

    • इलेक्ट्रिक वाहनों और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करना।

  3. कचरा प्रबंधन

    • खुले में कचरा और पराली जलाने पर रोक।

  4. कड़े पर्यावरणीय मानक

    • उद्योगों और निर्माण गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण।

  5. जनजागरूकता

    • नागरिकों को मास्क, एयर प्यूरीफायर और पेड़ लगाने जैसी व्यक्तिगत पहलों के लिए प्रेरित करना।


निष्कर्ष

AQLI 2025 रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत और दक्षिण एशिया को वायु प्रदूषण की चुनौती से तुरंत निपटना होगा। यदि WHO के मानक पूरे किए जाएं तो लाखों लोग न सिर्फ बीमारियों से बच सकते हैं, बल्कि उनकी जीवन प्रत्याशा में भी वर्षों का इज़ाफ़ा संभव है।