भारत और UAE के बीच नई ऊर्जा साझेदारी

तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG): भारत और UAE के बीच नई ऊर्जा साझेदारी

भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में हाल ही में अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत भारत को आने वाले 15 वर्षों तक सालाना 10 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति होगी।


LNG क्या है?

  • प्राकृतिक गैस को ठंडा कर तरल रूप: LNG वह प्राकृतिक गैस है जिसे लगभग -162° सेल्सियस पर ठंडा करके तरल अवस्था में लाया जाता है।

  • आयतन में कमी: गैसीय अवस्था की तुलना में इसका आयतन 600 गुना कम हो जाता है।

  • लाभ:

    • सुरक्षित और आसान परिवहन।

    • शिपिंग और भंडारण में कम लागत।

    • ऊर्जा आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ती है।


समझौते का महत्व

1. भारत के लिए

  • ऊर्जा सुरक्षा: भारत तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में सक्षम होगा।

  • आर्थिक लाभ: LNG आयात से कोयले पर निर्भरता कम होगी और स्वच्छ ऊर्जा विकल्प मिलेगा।

  • स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में कदम: जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को हासिल करने में मदद।

2. UAE के लिए

  • रणनीतिक साझेदारी: भारत जैसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता के साथ लंबे समय तक व्यापारिक संबंध।

  • राजस्व और निवेश में वृद्धि


LNG के उपयोग

  • बिजली उत्पादन: थर्मल पावर प्लांट्स में स्वच्छ ईंधन के रूप में।

  • परिवहन: ट्रकों, जहाजों और बसों के लिए ईंधन के तौर पर।

  • उद्योग: उर्वरक, रसायन और स्टील जैसे क्षेत्रों में।

  • घरेलू उपयोग: पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) के माध्यम से।


चुनौतियां

  • LNG टर्मिनलों और रिगैसिफिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की सीमाएं।

  • वैश्विक बाजार में LNG कीमतों की अस्थिरता।

  • आयात पर अधिक निर्भरता से विदेशी मुद्रा पर दबाव।


निष्कर्ष

ADNOC और IOC के बीच हुआ यह 15 साल का LNG समझौता भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ईंधन रणनीति में मील का पत्थर साबित होगा। LNG न केवल ऊर्जा आपूर्ति को स्थिर करेगी बल्कि भारत को स्वच्छ और सतत ऊर्जा भविष्य की ओर भी अग्रसर करेगी।