ग्रे राइनो परिघटना : वायनाड भूस्खलन का विश्लेषण
हाल ही में हुए एक अध्ययन में वायनाड भूस्खलन को एक “ग्रे राइनो परिघटना” बताया गया है। यह अवधारणा उन आपदाओं को रेखांकित करती है, जो स्पष्ट चेतावनियों और सबूतों के बावजूद अनदेखी कर दी जाती हैं।
🦏 ग्रे राइनो परिघटना क्या है?
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ग्रे राइनो शब्द उन घटनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है जिनकी संभावना अधिक होती है और जिनका प्रभाव व्यापक होता है।
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ये घटनाएँ अचानक या अप्रत्याशित (जैसे ब्लैक स्वान) नहीं होतीं।
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इनके बारे में पहले से चेतावनी मौजूद होती है और पर्याप्त साक्ष्य भी उपलब्ध होते हैं।
🌍 वायनाड भूस्खलन को ‘ग्रे राइनो’ क्यों कहा गया?
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वायनाड क्षेत्र को पहले से ही भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र के रूप में पहचाना गया था।
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हाल के वर्षों में यहाँ बार-बार भूस्खलन हुए थे।
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इसके बावजूद सरकार और नीतिनिर्माताओं ने चेतावनियों को नज़रअंदाज़ कर दिया।
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परिणामस्वरूप, यह आपदा एक पूर्वानुमेय लेकिन टाली जा सकने वाली त्रासदी बन गई।
⚖️ निष्कर्ष
वायनाड भूस्खलन यह दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं का वैज्ञानिक आकलन और चेतावनियों पर समय रहते कार्रवाई कितनी आवश्यक है।
ग्रे राइनो परिघटनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि अनदेखी की गई चेतावनियाँ अक्सर सबसे बड़ी आपदाओं में बदल सकती हैं।