सहकारी बैंकों के लिए आधार-आधारित सत्यापन फ्रेमवर्क
भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करके सहकारी बैंकों के लिए आधार-आधारित सत्यापन फ्रेमवर्क की घोषणा की है।
उद्देश्य
इस फ्रेमवर्क का मुख्य लक्ष्य सहकारी बैंकों को सक्षम बनाना है ताकि वे—
-
ग्राहकों को आसानी से जोड़ सकें,
-
आधार नंबर आधारित सत्यापन सेवाओं का उपयोग कर सकें,
-
और आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) के माध्यम से उन लोगों तक वित्तीय सेवाएँ पहुँचा सकें, जो अब तक बैंकिंग से वंचित हैं।
फ्रेमवर्क की प्रमुख बातें
-
राज्य सहकारी बैंक ही UIDAI के पास सत्यापन उपयोगकर्ता एजेंसी और eKYC उपयोगकर्ता एजेंसी के रूप में पंजीकृत होंगे।
-
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCB) को एक नई पहचान दी जाएगी, जिसे ‘DCB-ID’ कहा जाएगा।
-
इस व्यवस्था से सहकारी बैंकिंग तंत्र और मज़बूत होगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन और वित्तीय पहुँच आसान बनेगी।
महत्व
भारत की ग्रामीण और अर्ध-शहरी आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब भी संगठित बैंकिंग सेवाओं से दूर है। इस नई व्यवस्था से:
-
बैंकिंग सेवाओं की पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।
-
नकदी पर निर्भरता कम होगी।
-
सहकारी बैंकों के माध्यम से आधार-सक्षम लेन-देन आम लोगों के लिए सरल और सुलभ हो जाएगा।