🌄 हिंदू कुश हिमालय (HKH) क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की क्षमता – ICIMOD की रिपोर्ट
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) की हालिया रिपोर्ट ने यह उजागर किया है कि हिंदू कुश हिमालयी (HKH) क्षेत्र के पास स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन अभी तक इनका उपयोग बहुत ही सीमित स्तर पर हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र के देश अपनी विस्तृत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का केवल ~6% ही इस्तेमाल कर पा रहे हैं। इसका अर्थ है कि यहाँ स्वच्छ ऊर्जा के बड़े अवसर अभी भी अप्रयुक्त पड़े हैं।
🗺️ हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र
इस क्षेत्र में 8 देश शामिल हैं:
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अफगानिस्तान
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बांग्लादेश
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भूटान
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चीन
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भारत
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म्यांमार
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नेपाल
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पाकिस्तान
यह क्षेत्र एशिया की “वाटर टॉवर” कहलाता है क्योंकि यहाँ से निकलने वाली नदियाँ अरबों लोगों को जल, ऊर्जा और आजीविका प्रदान करती हैं।
⚡ वर्तमान ऊर्जा क्षमता और अल्प उपयोग
1. जल विद्युत क्षमता
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कुल अनुमानित क्षमता: 882 गीगावाट (GW)
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उपयोग: केवल 49%
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अधिकतर बिजली सीमा-पार बहने वाली नदियों से प्राप्त होती है।
2. सौर और पवन ऊर्जा
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कुल संभावित क्षमता: 3 टेरावाट (TW)
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HKH क्षेत्र की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता: 3.5 TW से अधिक
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यह दुनिया के सबसे बड़े स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में से एक हो सकता है।
3. एनर्जी मिक्स (Energy Mix)
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भूटान और नेपाल: 100% बिजली नवीकरणीय स्रोतों से।
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भारत: लगभग 77% बिजली अभी भी जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न होती है।
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अन्य HKH देश भी जीवाश्म ईंधन पर भारी निर्भर।
🚧 स्वच्छ ऊर्जा सहयोग में प्रमुख बाधाएं
🌦️ जलवायु संबंधी जोखिम
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नदी प्रवाह मार्ग में बदलाव
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हिमनदीय झील के फटने से उत्पन्न बाढ़ (GLOF)
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चरम मौसमी घटनाएं (Extreme Weather Events)
➡️ मौजूदा और भावी जल विद्युत परियोजनाओं की लगभग 2/3 क्षमता खतरे में है।
💰 आर्थिक और वित्तीय चुनौतियां
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परियोजनाओं की उच्च लागत
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कम निजी निवेश
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जीवाश्म ईंधन आयात पर अत्यधिक निर्भरता
अन्य चुनौतियां
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अवसंरचना और वित्तपोषण की कमी
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भूमि अधिग्रहण और स्थानीय विस्थापन
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पर्वतीय पारिस्थितिकी-तंत्र को नुकसान
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तकनीकी संसाधनों की कमी
✅ रिपोर्ट की सिफारिशें
1. क्षेत्रीय सहयोग
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सीमा-पार नवीकरणीय ऊर्जा व्यापार को मजबूत करना।
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सार्क और बिम्सटेक के ढांचे के भीतर आपदा जोखिम न्यूनीकरण को एकीकृत करना।
2. क्लाइमेट-रेसिलिएंट ऊर्जा परियोजनाएं
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परियोजनाओं को GLOFs, बाढ़ और चरम मौसमी घटनाओं से सुरक्षित बनाने के उपाय करना।
3. ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण
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बड़े बांधों से आगे बढ़कर:
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सौर ऊर्जा
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पवन ऊर्जा
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लघु जल विद्युत (Small Hydro)
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स्मार्ट और विकेंद्रीकृत समाधान
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4. वित्तीय नवाचार
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निजी क्षेत्र की भागीदारी
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वैश्विक जलवायु निधियों का उपयोग
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ग्रीन बॉण्ड्स और अन्य अभिनव वित्तीय साधनों को प्रोत्साहन
📝 निष्कर्ष
हिंदू कुश हिमालयी क्षेत्र ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु कार्रवाई दोनों के लिए स्ट्रैटेजिक हॉटस्पॉट है।
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अगर इसकी विशाल जलविद्युत, सौर और पवन ऊर्जा क्षमता का सही उपयोग हो, तो यह क्षेत्र न केवल अपनी ऊर्जा ज़रूरतें पूरी कर सकता है, बल्कि पड़ोसी क्षेत्रों को भी स्वच्छ ऊर्जा का निर्यातक बन सकता है।
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इसके लिए ज़रूरी है कि क्षेत्रीय सहयोग बढ़े, वित्तीय निवेश आकर्षित हों और परियोजनाएं जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीली (Climate-resilient) हों।
इस प्रकार, HKH क्षेत्र आने वाले दशकों में स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण (Clean Energy Transition) का वैश्विक उदाहरण बन सकता है।