इंडिया AI मिशन के तहत एक सलाहकार समूह ने AI गवर्नेस दिशा-निर्देश विकास पर रिपोर्ट जारी की

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता वाले सलाहकार समूह के मार्गदर्शन में AI गवर्नेस और दिशा-निर्देश विकास’ पर एक उप-समिति का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में AI गवर्नेस के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें प्रदान करना है।
कृतिम वुद्धिमत्ता (Al) गवर्नेस के बारे में: Al गवर्नेस में उन प्रक्रियाओं, मानकों और सुरक्षा उपायों को शामिल किया जाता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि Al प्रणालियां एवं साधन सुरक्षित व नैतिक रूप से काम करें। इससे मानवाधिकारों का सम्मान तथा निष्पक्षता बनी रहेगी।
इस रिपोर्ट द्वारा उजागर किए गए प्रमुख मुद्दे
- डीपफेक और दुर्भावनापूर्ण कंटेंटः इनसे निपटने के लिए कानूनी फ्रेमवर्क मौजूद हैं, लेकिन उन्हें प्रभावी रूप से लागू करने में आ रही बाधाओं के कारण AI जनित हानिकारक कंटेंट को हटाने में दिक्कत होती है।
- साइबर सुरक्षाः मौजूदा कानून AI से संबंधित साइबर अपराधों पर लागू होते हैं, लेकिन उभरते खतरों से निपटने के लिए उन्हें मजबूत और प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है।
- बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR): कॉपीराइट वाले डेटा का AI द्वारा उपयोग उल्लंघन और जवाबदेही संबंधी मुद्दों को जन्म देता है। ऐसा इस कारण, क्योंकि मौजूदा कानून AI जनित कंटेंट को पूरी तरह से कवर नहीं करते हैं।
- AI आधारित पूर्वाग्रह और भेदभावः AI पूर्वाग्रहों को बढ़ावा दे सकता है, जिससे मौजूदा सुरक्षा उपायों के बावजूद भेदभाव का पता लगाना और उसका समाधान करना कठिन हो जाता है।
इस रिपोर्ट में की गई मुख्य सिफारिशेंः
- अंतर-मंलालयी Al समन्वय समिति का गठन करनाः इसका उद्देश्य अलग-अलग मेलालयों एवं विनियामकों के बीच AI गवर्नेस को लेकर समन्वय स्थापित करना होना चाहिए। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मलालय, नीति आयोग, RBI, सेबी तथा अन्य क्षेलीय विनियामकों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- तकनीकी सचिवालय का गठन करनाः इसका गठन AI समन्वय समिति के लिए एक तकनीकी सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करने हेतु किया जाना चाहिए।
- तकनीकी कानूनी उपायों का लाभ उठानाः डीपफेक से निपटने के लिए वॉटरमार्किंग और कंटेट की उत्पत्ति जैसे तकनीकी समाधानों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- Al जनित घटनाओं का डेटाबेस निर्मित करनाः इसके तहत वास्तविक दशाओं के Al-संबंधित जोखिमों और नुकसानों का दस्तावेजीकरण करना चाहिए। इसके अलावा, सार्वजनिक व निजी दोनों क्षेलों से स्वैच्छिक रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करना चाहिए।
इंडिया AI मिशन के बारे में:
- इसे 2024 में 10,300 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया गया है।
- उद्देश्यः सात प्रमुख स्तंभों के माध्यम से एक मजबूत Al इकोसिस्टम बनाना। इन स्तंभों में AI कंप्यूटर क्षमता, भविष्य संबंधी कौशल, सुरक्षित व विश्वसनीय Al, स्टार्ट-अप वित्त-पोषण आदि शामिल
- इसका फोकस AI की पहुंच को लोकतांलिक बनाना, डेटा की गुणवत्ता को सुधारना और नैतिक AI विकास सुनिश्चित करना है।