ब्राइट स्टार 2025: दुनिया का बड़ा बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास
भारत के सशस्त्र बल और एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय (IDS) जल्द ही बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास “ब्राइट स्टार 2025” में भाग लेने जा रहे हैं। यह अभ्यास विश्व स्तर पर सुरक्षा सहयोग, सैन्य तालमेल और रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण मंच माना जाता है।
ब्राइट स्टार अभ्यास का इतिहास
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इस अभ्यास की शुरुआत 1977 में हुई थी।
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यह अभ्यास कैम्प डेविड समझौते के बाद शुरू हुआ, जब संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस्र ने इसे एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास के रूप में आयोजित किया।
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वर्ष 1995 से इसमें अन्य देशों की भी भागीदारी शुरू हुई।
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धीरे-धीरे यह अभ्यास क्षेत्र का सबसे बड़ा बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास बन गया, जिसमें थल सेना, नौसेना और वायुसेना – तीनों सेनाएं शामिल होती हैं।
ब्राइट स्टार 2025 की विशेषताएं
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बहुपक्षीय भागीदारी
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अमेरिका, मिस्र और भारत सहित कई देश इसमें हिस्सा लेंगे।
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विभिन्न देशों की सेनाएं एक-दूसरे से सीखने और तालमेल बढ़ाने का अवसर पाएंगी।
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त्रि-सेवा अभ्यास (Tri-Services Exercise)
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थल सेना, नौसेना और वायुसेना – तीनों की सक्रिय भागीदारी होगी।
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संयुक्त रणनीतियों और ऑपरेशन की प्रैक्टिस की जाएगी।
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साझा उद्देश्य
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आतंकवाद और असममित युद्ध से निपटना।
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शांति स्थापना अभियानों और आपदा प्रबंधन में सहयोग।
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तकनीकी और सामरिक दक्षता का आदान-प्रदान।
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भारत के लिए महत्व
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रणनीतिक साझेदारी: अमेरिका, मिस्र और अन्य देशों के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा।
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क्षमता निर्माण: भारतीय सैनिकों को उन्नत तकनीक और युद्ध रणनीतियों का अनुभव मिलेगा।
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वैश्विक भूमिका: भारत की बढ़ती सैन्य और रणनीतिक क्षमता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का अवसर।
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इंटरऑपरेबिलिटी: संयुक्त अभियानों में अलग-अलग सेनाओं के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ेगा।
निष्कर्ष
ब्राइट स्टार 2025 केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं है, बल्कि यह विभिन्न देशों के बीच भरोसा, सहयोग और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने का एक मंच है। भारत की भागीदारी इसे न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगी, बल्कि भारतीय सेनाओं को वैश्विक युद्ध-तकनीकों और रणनीतियों से भी समृद्ध करेगी।