रक्षा मंत्रालय ने ‘टेक्नोलॉजी पर्सपेक्टिव कैपेबिलिटी रोडमैप (TPCR) 2025’ का अनावरण किया
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में ‘टेक्नोलॉजी पर्सपेक्टिव कैपेबिलिटी रोडमैप (TPCR) 2025’ का अनावरण किया है। यह दस्तावेज़ आगामी 15 वर्षों के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के दीर्घकालिक आधुनिकीकरण लक्ष्यों और उनकी तकनीकी आवश्यकताओं की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। TPCR का प्रमुख उद्देश्य घरेलू उद्योग को दिशा प्रदान करना, प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की परिकल्पना को साकार करना है।
TPCR 2025 की प्रमुख बातें
1. पूर्ववर्ती रोडमैप पर आधारित
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TPCR, 2025 इससे पहले के संस्करणों (2013 और 2018) पर आधारित है।
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इसका मुख्य फोकस स्वदेशीकरण और नवाचार को बढ़ावा देना है।
2. युद्ध पर तकनीकी प्रभाव
भविष्य के युद्ध और सैन्य अभियानों पर विभिन्न तकनीकों का प्रभाव निर्णायक होगा। इनमें शामिल हैं:
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साइबर ऑपरेशन्स और सूचना प्रभुत्व (Information Dominance)
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स्पेस वार (अंतरिक्ष आधारित युद्ध तकनीक)
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रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और IT में प्रगति
3. सार्वजनिक-निजी सहयोग पर जोर
TPCR 2025 इस बात पर बल देता है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों मिलकर ही आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण की दिशा में कार्य कर सकते हैं।
प्रमुख तकनीकी आवश्यकताएं
⚙️ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा
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माइंस बिछाने के लिए AI-आधारित स्वायत्त मानवरहित जमीनी वाहन (UGVs)
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डीप फेक डिटेक्शन सॉफ्टवेयर
✈️ मानवरहित और स्वायत्त प्रणाली
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स्टील्थ क्षमता वाले MALE/HALE RPAs (Remotely Piloted Aircraft)
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ड्रोन-आधारित माइन्स डिलीवरी सिस्टम
🛰️ साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वार (EW)
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इंटीग्रेटेड EW सिस्टम
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फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल (FRCV)
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इलेक्ट्रॉनिक डिनायल बबल
☢️ परमाणु प्रतिरोधक उपाय
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विकिरण डिटेक्टर
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डी-कंटैमिनेशन सिस्टम
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आर्मर्ड एम्फीबियस डोज़र
⚓ नौसेना प्रणालियां
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विमानवाहक पोत (Aircraft Carrier)
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अगली पीढ़ी के कॉर्वेट
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परमाणु प्रणोदन प्रणाली
रक्षा क्षेत्र के स्वदेशीकरण हेतु भारत की प्रमुख परियोजनाएं
1. मेक प्रोजेक्ट्स (Make Projects)
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उद्देश्य: निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।
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उप-श्रेणियां:
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Make-I: सरकार द्वारा वित्त-पोषित
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Make-II: उद्योग द्वारा वित्त-पोषित
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Make-III: स्वदेशी रूप से डिजाइन/विकसित नहीं
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2. iDEX (Innovations for Defence Excellence)
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लॉन्च: 2018
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उद्देश्य: स्टार्ट-अप्स, MSMEs, शिक्षा जगत और R&D को रक्षा नवाचार में शामिल करना।
3. सृजन पोर्टल (Srijan Portal)
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उद्देश्य: उच्च-मूल्य वाले कलपुर्जों और घटकों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना।
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विशेषता: यह एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है, जो उद्योग और सशस्त्र बलों के बीच सेतु का कार्य करता है।
निष्कर्ष
TPCR 2025 भारत की रक्षा क्षमताओं को भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप बनाने की एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल है। इसका लक्ष्य केवल अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों को विकसित करना ही नहीं, बल्कि घरेलू उद्योग, स्टार्ट-अप्स और MSMEs को भी रक्षा उत्पादन में शामिल करना है। इस तरह यह दस्तावेज़ भारत को न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उसे वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी रक्षा प्रौद्योगिकी शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।