निवेशक दीदी: महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की नई पहल
आज के समय में वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) केवल ज्ञान का विषय नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का आधार है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (IEPFA) ने अपनी प्रमुख वित्तीय जागरूकता पहल “निवेशक दीदी” का दूसरा चरण शुरू किया है।
निवेशक दीदी क्या है?
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निवेशक दीदी IEPFA की एक फ्लैगशिप पहल है।
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इसका उद्देश्य है – ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता बढ़ाना और विशेषकर महिलाओं को वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम बनाना।
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यह पहल महिलाओं को बचत, निवेश, बैंकिंग, बीमा और सरकारी योजनाओं की जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती है।
IEPFA के बारे में
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स्थापना: भारत सरकार ने IEPFA की स्थापना कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत की।
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नियंत्रण: यह कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
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उद्देश्य:
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निवेशकों को शिक्षित करना और उनके हितों की रक्षा करना।
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निवेशित धन और वित्तीय संपत्तियों की सुरक्षा को बढ़ावा देना।
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मुख्य कार्य:
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IEPF का प्रशासन करना।
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निवेशकों को शेयर, अनक्लेम्ड लाभांश, परिपक्व जमा/डिबेंचर आदि का रिफंड करना।
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वित्तीय साक्षरता अभियान चलाना।
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निवेशक दीदी की खासियत
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ग्रामीण समुदायों पर फोकस – जहाँ वित्तीय जागरूकता का स्तर अभी भी बहुत कम है।
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महिला सशक्तिकरण – महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और निवेश का ज्ञान देना।
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सरल भाषा और स्थानीय माध्यम – जानकारी को जटिल शब्दों में नहीं, बल्कि सहज और व्यावहारिक तरीके से साझा किया जाता है।
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आर्थिक समावेशन (Financial Inclusion) – अधिक से अधिक लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ना।
महत्व और प्रभाव
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ग्रामीण भारत में वित्तीय साक्षरता का विस्तार होगा।
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महिलाएँ आत्मनिर्भर और जागरूक निवेशक बनेंगी।
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निवेश धोखाधड़ी और गलत योजनाओं से बचाव संभव होगा।
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समाज में सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश की संस्कृति विकसित होगी।
निष्कर्ष
“निवेशक दीदी” केवल एक जागरूकता कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भारत के ग्रामीण समाज में आर्थिक आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण का सशक्त साधन है। IEPFA की यह पहल दर्शाती है कि सही ज्ञान और मार्गदर्शन से हर महिला समझदार निवेशक बन सकती है और अपने परिवार एवं समाज की आर्थिक प्रगति में अहम योगदान दे सकती है।