Daily Current News Analysis (5 March 2025)

Daily Current News Analysis – 5 March 2025 Kredoz IAS Daily Interactive News (DIN)

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  1. राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक: प्रमुख निर्णय

Short News Analysis

News Analysis – 5 March 2025

🧐 चर्चा में क्यों?

🔬 ICRISAT (अंतर्राष्ट्रीय अर्द्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की उपलब्धता के बावजूद, ग्रामीण भारत में ‘हिडन हंगर’ बढ़ रहा है।

क्या है ‘हिडन हंगर’?

⚠️ जब लोग पर्याप्त कैलोरी लेते हैं, लेकिन उनके शरीर में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों और प्रोटीन की कमी बनी रहती है।

📊 ICRISAT अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

🍚 अनाज आधारित आहार: ग्रामीण भारत में चावल और गेहूँ पर अत्यधिक निर्भरता, जो 60-75% प्रोटीन प्रदान करते हैं, लेकिन आवश्यक अमीनो एसिड की कमी होती है।
🥛 प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का कम उपयोग: दालें, डेयरी और मांसाहारी भोजन उपलब्ध होने के बावजूद सांस्कृतिक प्राथमिकताओं, जागरूकता की कमी और आर्थिक बाधाओं के कारण इनका कम उपभोग।
🏪 PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की सीमाएँ: केवल अनाज पर केंद्रित, पर्याप्त प्रोटीन विकल्पों की कमी
🎓 शिक्षा और पोषण संबंध: महिलाओं की शिक्षा का स्तर पारिवारिक आहार गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
📍 क्षेत्रीय भिन्नताएँ: विभिन्न राज्यों में प्रोटीन की खपत में अंतर

🚨 प्रोटीन की कमी के दुष्प्रभाव

💪 मांसपेशी अपक्षय: थकान, कमजोरी और गतिशीलता में कमी।
🛡️ कमजोर प्रतिरक्षा: संक्रमण और बीमारियों का अधिक खतरा।
📏 बच्चों में विकास अवरुद्ध: संज्ञानात्मक हानि और धीमी वृद्धि।
🧬 अंगों पर प्रभाव: यकृत और गुर्दे की कार्यक्षमता प्रभावित।

🏛 ICRISAT की प्रमुख अनुशंसाएँ

🍽️ PDS में विविधता: दलहन, कदन्न और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को शामिल करना।
📢 पोषण शिक्षा: संतुलित आहार जागरूकता को स्कूलों और समुदायों में बढ़ावा देना।
👩‍🎓 महिलाओं का सशक्तीकरण: शिक्षा और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आहार गुणवत्ता में सुधार।
🌿 विविध कृषि पद्धतियाँ: प्रोटीन युक्त फसलों (जैसे बाजरा, दालें) की खेती को प्रोत्साहन
📍 क्षेत्र-विशिष्ट रणनीतियाँ: राज्यवार पोषण नीति विकसित करना।

🔍 क्या है क्रिटिकल मिनरल्स मिशन?

भारत क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिज) की सुरक्षा के लिए अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में साझेदारी बढ़ा रहा है।

🔸 नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत ₹4,000 करोड़ आवंटित।
🔸 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खनिज अन्वेषण को बढ़ावा।

🌎 भारत की वैश्विक भागीदारी

📍 ज़ाम्बिया 🇿🇲:
✅ भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने 9,000 वर्ग किमी में ताँबा-कोबाल्ट अन्वेषण क्षेत्र प्राप्त किया।
✅ 2-3 वर्षों में खनन अधिकार मिलने की उम्मीद।
✅ ज़ाम्बिया विश्व में ताँबा उत्पादन में 7वें और कोबाल्ट में 14वें स्थान पर।

📍 अन्य अफ्रीकी देश:
✅ भारत कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, तंज़ानिया, मोज़ाम्बिक और रवांडा के साथ खनिज अधिग्रहण के लिए वार्ता कर रहा है।

📍 दक्षिण अमेरिका & ऑस्ट्रेलिया:
अर्जेंटीना और चिली में लिथियम अन्वेषण।
ऑस्ट्रेलिया में KABIL (खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड) लिथियम और कोबाल्ट संपत्तियों की खोज में सक्रिय।

🏗️ भारत के लिए क्रिटिकल मिनरल्स क्यों आवश्यक?

उद्योग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य
⚡ भारत ने 30 प्रमुख खनिजों की पहचान की, जिनमें शामिल हैं:
लिथियम 🔋 (बैटरी निर्माण)
कोबाल्ट ⚡ (इलेक्ट्रिक वाहन)
ग्रेफाइट ✍️ (सेमीकंडक्टर)
निकल 🔩 (स्टील उत्पादन)
दुर्लभ मृदा तत्त्व (REEs) 🌎 (डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी)

🚀 भारत का लक्ष्य

✔️ खनिज आयात पर निर्भरता कम करना
✔️ इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और अक्षय ऊर्जा सेक्टर को बढ़ावा देना।
✔️ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रणनीतिक भूमिका निभाना।

🔹 समाचार में क्यों?

🔹 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 1,200 सरकारी योजनाओं में से 1,100 योजनाएँ अब प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के अंतर्गत आ चुकी हैं।
🔹 इससे लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे धनराशि हस्तांतरित होने की प्रक्रिया पारदर्शी बनी है।


🔹 DBT की आवश्यकता और पृष्ठभूमि

🔹 पिछले दशकों में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में रिसाव, भ्रष्टाचार और देरी बड़ी समस्या थी।
🔹 पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि “जनता के लिए भेजे गए 1 रुपये में सिर्फ 15 पैसे ही लाभार्थियों तक पहुँचते हैं।”
🔹 2014 में, PM मोदी सरकार ने DBT मिशन को तेज़ी से लागू करने का निर्णय लिया।


🔹 DBT के प्रमुख घटक

💡 जैम ट्रिनिटी (JAM Trinity)
जन धन (PMJDY) – हर नागरिक के लिए बैंक खाता।
आधार (AADHAAR) – लाभार्थियों की पहचान और नकली खातों पर रोक।
मोबाइल (MOBILE) – त्वरित धन हस्तांतरण और डिजिटल सेवाएँ।


🔹 प्रमुख योजनाएँ जो DBT से जुड़ीं

📌 PM किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): किसानों को ₹6,000/वर्ष की वित्तीय सहायता।
📌 MGNREGS: ग्रामीण मज़दूरों को प्रत्यक्ष वेतन भुगतान।
📌 PM मातृ वंदना योजना (PMMVY): गर्भवती महिलाओं को सहायता।
📌 PM आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G): गरीबों के लिए 2.95 करोड़ घरों का निर्माण।


🔹 DBT का प्रभाव 📊

📈 2013-14 में DBT योजनाएँ: 28 → 2024-25 में 323
📈 हस्तांतरित धनराशि: ₹7,400 करोड़₹7 लाख करोड़
📉 रिसाव में कमी: 3.5 लाख करोड़ रुपये की बचत।
👥 9.2 करोड़ फर्जी लाभार्थी हटाए गए।
लाभार्थियों को पैसा समय पर मिल रहा है।


🔹 वैश्विक मान्यता 🌍

विश्व बैंक और IMF ने DBT को भ्रष्टाचार कम करने और योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए सराहा।
✅ अन्य देश भारत की DBT प्रणाली से सीख रहे हैं।


🔹 भविष्य की संभावनाएँ 🚀

✅ अधिक कल्याणकारी योजनाएँ DBT से जुड़ेंगी।
डिजिटल बैंकिंग और आधार लिंकिंग से और पारदर्शिता आएगी।
भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने में योगदान देगा।

🔹 संदर्भ

📌 कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK), जो 40 वर्षों से तुर्की के खिलाफ संघर्ष कर रही थी, ने युद्धविराम की घोषणा की है।
📌 यह कुर्द मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


🔹 कुर्द: एक परिचय

जनसंख्या: लगभग 40 मिलियन (4 करोड़)
मुख्य क्षेत्र: ईरान, इराक, सीरिया और तुर्की
भाषा: कुर्द बोलियाँ (तुर्की और अरबी से अलग)
धर्म: अधिकांश सुन्नी मुसलमान

📌 सीरिया में कुर्दों की स्थिति:
👉 सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) पूर्वोत्तर सीरिया में कुर्दों का नेतृत्व कर रही है।


🔹 कुर्दों की समस्याएँ और संघर्ष

📌 विश्व युद्ध के बाद छलावा:
👉 प्रथम विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी शक्तियों ने कुर्दों को एक अलग राष्ट्र देने का वादा किया था, लेकिन यह कभी पूरा नहीं हुआ।

📌 राजनीतिक और सांस्कृतिक दमन:
👉 तुर्की, ईरान, इराक, और सीरिया ने कुर्द भाषा, संस्कृति और राजनीतिक पहचान को दबाने की कोशिश की।

📌 सशस्त्र संघर्ष और PKK का विद्रोह:
👉 1980 के दशक में PKK (कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी) ने तुर्की के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह शुरू किया।
👉 शुरुआत में यह कुर्दों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की माँग कर रहा था, लेकिन बाद में यह स्वायत्तता तक सीमित हो गया।
👉 तुर्की की जनसंख्या का 15% या उससे अधिक कुर्द समुदाय का हिस्सा है।


🔹 शांति प्रयास और असफलताएँ

👉 तुर्की और PKK के बीच कई बार शांति वार्ता हुई, लेकिन असफल रही।
👉 2013 में एक संघर्षविराम लागू हुआ था, लेकिन 2015 में यह फिर टूट गया।
👉 2024-25 में PKK ने युद्धविराम की घोषणा की है, जिससे शांति की उम्मीदें बढ़ी हैं।


🔹 अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और भारत के लिए महत्व

🌍 अंतरराष्ट्रीय कूटनीति:
✅ अमेरिका और यूरोपीय देश कुर्दों को ISIS के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी मानते हैं।
✅ तुर्की, PKK को एक आतंकी संगठन मानता है और इसे कुचलना चाहता है।

🇮🇳 भारत के लिए सबक:
संघीय ढाँचे और क्षेत्रीय असंतोष को संतुलित करने के लिए कुर्द संघर्ष से सीख सकते हैं।
राजनीतिक वार्ता और स्वायत्तता समाधान का एक तरीका हो सकता है।

🔹 बायोफ्यूल क्या है?

✅ बायोफ्यूल (जैव-ईंधन) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जो बायोमास और जैविक अपशिष्ट से प्राप्त होता है।
✅ इसे तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
1️⃣ तरल बायोफ्यूल – इथेनॉल, बायोडीजल, बायो-मेथनॉल
2️⃣ बायोगैस – Bio-LNG, Bio-CNG
3️⃣ ठोस बायोमास

📌 भारत की उपलब्धि:
👉 जनवरी 2025 तक भारत ने 19.6% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया।
👉 2030 के लक्ष्य (20%) को 5 साल पहले ही पूरा करने की ओर अग्रसर।


🔹 बायोफ्यूल का महत्व

🔹 ऊर्जा सुरक्षा:
2017-2040 के बीच वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि में भारत का योगदान 25% से अधिक होगा।

🔹 पर्यावरणीय लाभ:
✅ जैव ईंधन के उपयोग से 519 लाख मीट्रिक टन CO उत्सर्जन में कमी आई।
173 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का विकल्प उपलब्ध हुआ।

🔹 विदेशी मुद्रा की बचत:
✅ इथेनॉल सम्मिश्रण से 85,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत हुई।

🔹 चक्रीय अर्थव्यवस्था:
अपशिष्ट पुनर्चक्रण के माध्यम से पूँजी निर्माण और समाज-आर्थिक लाभ बढ़ा।

🔹 ग्रामीण विकास:
✅ किसानों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ देने के लिए कृषि अवशेषों का उपयोग बढ़ा।


🔹 बायोफ्यूल उत्पादन की चुनौतियाँ

🚩 फीडस्टॉक की समस्या:
🔹 उच्च गुणवत्ता वाले फीडस्टॉक की कमी और खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव
🔹 आपूर्ति श्रृंखला जटिल और बिखरी हुई

🚩 तकनीकी सीमाएँ:
🔹 एडवांस बायोफ्यूल का व्यावसायिक उत्पादन सीमित है।

🚩 वित्तीय चुनौतियाँ:
🔹 उच्च पूंजी लागत और अनिश्चित लाभ


🔹 बायोफ्यूल का विकास: पहली से चौथी पीढ़ी तक

1️⃣   पहली पीढ़ी: खाद्य फसलों से उत्पादित जैव ईंधन
2️⃣   दूसरी पीढ़ी: जैविक अपशिष्ट से उत्पादित जैव ईंधन
3️⃣   तीसरी पीढ़ी: शैवाल (Algae) आधारित जैव ईंधन
4️⃣   चौथी पीढ़ी: आनुवंशिक रूप से संशोधित सूक्ष्मजीवों से उत्पादित जैव ईंधन


🔹 भारत में बायोफ्यूल को बढ़ावा देने की पहल

राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018
प्रधानमंत्री जी-वन (II-VAN) योजना
गोबरधन (GOBAR-Dhan) योजना
SATAT (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) पहल

📌 प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की 7वीं बैठक आयोजित हुई।
📌 मानव-वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिए तकनीकी समाधान और संस्थागत सहयोग पर बल।
📌 AI, रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीकों का उपयोग बढ़ाने पर जोर।


🔹 बैठक के प्रमुख निर्णय

1️⃣ पहली नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी
✅ देश में कुल 6,327 नदी डॉल्फिन का अनुमान।
राज्यवार वितरण:

  • उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम में सबसे अधिक।

2️⃣ वन्यजीव स्वास्थ्य एवं रोग प्रबंधन केंद्र
जूनागढ़ में राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी गई।

3️⃣ मानव-वन्यजीव संघर्ष समाधान
कोयंबटूर (SACON) में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

4️⃣ एशियाई शेरों की जनगणना 2025
16वें एशियाई शेर आकलन की घोषणा (पिछला आकलन 2020 में हुआ था)।

5️⃣ चीता पुनर्वास परियोजना का विस्तार
मध्य प्रदेश (गांधी सागर अभयारण्य) और गुजरात (बत्री घास के मैदान) में चीतों को पुनः बसाने की योजना।

6️⃣ घड़ियाल संरक्षण परियोजना
घड़ियालों की घटती आबादी को संरक्षित करने के लिए नई परियोजना।

7️⃣ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण
✅ इस दुर्लभ पक्षी के संरक्षण के प्रयासों की सराहना।

8️⃣ वर्दा वन्यजीव अभयारण्य में एशियाई शेर संरक्षण
हिरण जैसी शिकार प्रजातियों की संख्या बढ़ाने और पर्यावास सुधार पर ध्यान।


🔹 राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) के बारे में

📌 स्थापना: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत।
📌 अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
📌 उपाध्यक्ष: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री।
📌 सदस्य सचिव: अतिरिक्त वन महानिदेशक (वन्यजीव) और निदेशक, वन्यजीव संरक्षण।

🔹 रिपोर्ट जारी करने वाले संगठन:

📌 ट्रांसयूनियन सिबिल, नीति आयोग का महिला उद्यमिता मंच (WEP) और माइक्रोसेव कंसल्टिंग (MSC)


🔹 रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

महिलाओं द्वारा ऋण लेने में वृद्धि
📌 2019 से 2024 के बीच ऋण के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या तीन गुना बढ़ी
📌 इससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाएं विभिन्न उद्देश्यों के लिए ऋण लेने में अधिक रुचि दिखा रही हैं।

ऋण लेने वाली महिलाओं का जनसांख्यिकीय विश्लेषण
📌 60% महिलाएं अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से हैं।
📌 महिलाओं को दिए गए कुल खुदरा ऋणों में केवल 27% ऋण 30 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं ने लिए, जबकि पुरुषों में यह अनुपात 40% है।
📌 दक्षिणी राज्यों में महिलाओं को दिए गए ऋणों की हिस्सेदारी अधिक है, जबकि उत्तरी और मध्य भारत में यह कम है।

वित्तीय जागरूकता में वृद्धि
📌 2.7 करोड़ महिलाओं ने ट्रांसयूनियन सिबिल के माध्यम से अपना क्रेडिट स्कोर जाना, जिससे उनकी वित्तीय समझ में सुधार हुआ।


🔹 महिलाओं को ऋण लेने में आने वाली चुनौतियाँ

सामाजिक और मनोवैज्ञानिक बाधाएँ
📌 ऋण लेने में हिचक: सामाजिक मान्यताएँ, ऋण चुकाने की चिंता और आवेदन प्रक्रिया की जटिलता के कारण महिलाएँ बैंक से ऋण लेने से बचती हैं।

बैंकों की भूमिका और अनुकूल माहौल का अभाव
📌 बैंक शाखाओं में महिलाओं के अनुकूल माहौल नहीं होता, जिससे वे सही सलाह नहीं ले पातीं।

क्रेडिट हिस्ट्री की कमी और संपत्ति का अभाव
📌 महिलाओं के पास गारंटर, संपत्ति (कोलेटरल) या पर्याप्त वित्तीय दस्तावेज नहीं होते, जिससे उन्हें ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
📌 उदाहरण: महिलाओं के स्वामित्व वाले 79% व्यवसाय स्व-वित्तपोषित हैं, और MSME सेक्टर को दिए गए कुल ऋण का केवल 7% ही महिलाओं को मिलता है

ऋण देने में जोखिम और लैंगिक भेदभाव
📌 महिलाओं को ऋण देना जोखिम भरा माना जाता है क्योंकि उनके पास कम क्रेडिट हिस्ट्री और व्यवसाय का अनुभव होता है।
📌 22.2% महिला उद्यमी ऋण प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं कर पातीं।


🔹 रिपोर्ट में दी गई प्रमुख सिफारिशें

महिलाओं को अधिक व्यवसायिक ऋण उपलब्ध कराना
📌 महिलाओं को कम ब्याज दर पर ऋण देने की नीति अपनाई जाए।
📌 महिलाओं को दिए गए ऋणों पर गारंटी कवर लागू किया जाए, जिससे जोखिम कम हो।

बैंकों में अनुकूल वातावरण और विशेष ऋण उत्पाद
📌 महिलाओं के लिए विशेष लोन प्रोडक्ट्स विकसित किए जाएँ, जो उनके सामाजिक और आर्थिक जरूरतों के अनुरूप हों।

डेटा-संचालित निर्णय और टेक्नोलॉजी का उपयोग
📌 AI और बिग डेटा का उपयोग करके लैंगिक भेदभाव को रोकने के लिए ऋण देने के जोखिम का पुनर्मूल्यांकन किया जाए।

डिजिटल और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा
📌 महिलाओं को डिजिटल लेन-देन, बुक-कीपिंग और व्यवसाय पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जाए।

बैंकों और सरकारी योजनाओं से अधिक सहायता
📌 बैंकों को महिला उद्यमियों के लिए अधिक सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए


🔹 निष्कर्ष

📌 यह रिपोर्ट दिखाती है कि भारत में महिलाएँ वित्तीय रूप से सशक्त हो रही हैं, लेकिन उन्हें ऋण प्राप्त करने में अब भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
📌 नीतिगत सुधार, वित्तीय समावेशन और तकनीकी नवाचार से इन बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
📌 यदि महिलाओं को सशक्त तरीके से ऋण उपलब्ध कराया जाए, तो वे भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं

Short news

📅 तारीख: 4 मार्च 2025 | 📍 स्थान: विज्ञान भवन, नई दिल्ली
🏛 आयोजक: पंचायती राज मंत्रालय

🎯 उद्देश्य 🔥

महिला पंचायत प्रतिनिधियों की नेतृत्व क्षमता बढ़ाने, निर्णय लेने की दक्षता सुधारने और स्थानीय शासन में उनकी भूमिका को मजबूत करने की पहल।

👩💼 भागीदारी 🤝

देशभर से 1,200+ महिला पंचायत नेता पहली बार एक राष्ट्रीय मंच पर जुटेंगी, जिसमें तीनों स्तरों की निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होंगी।

💡 प्रमुख गतिविधियाँ 📌

  • महिला नेतृत्व पर संवाद – स्वास्थ्य 🏥, शिक्षा 📚, सुरक्षा 🛡️ और आर्थिक अवसर 💰 पर चर्चा।
  • 📖 लिंग-आधारित हिंसा पर प्राइमर लॉन्च – सुरक्षा और अधिकारों पर जानकारी।
  • 🎭 सांस्कृतिक कार्यक्रम – यूएनएफपीए द्वारा महिला उपलब्धियों का जश्न।

🌏 सरकारी दृष्टिकोण 📢

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ (119वें एपिसोड) में ‘नारी शक्ति’ पर दिए गए संदेश के अनुरूप, यह पहल सुरक्षित, समावेशी और न्यायपूर्ण पंचायतों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

📅 तारीख: 2 मार्च 2025
🏛 रिपोर्ट जारीकर्ता: यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (GEM) टीम

📊 चौंकाने वाले आंकड़े

🔹 40% वैश्विक आबादी को उनकी मातृभाषा में शिक्षा नहीं मिल रही।
🔹 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में यह आंकड़ा 90% तक पहुंच जाता है।
🔹 25 करोड़ से अधिक छात्र शिक्षा में भाषा बाधाओं से प्रभावित हैं।

⚠️ मुख्य चुनौतियाँ

🔸 शिक्षकों की सीमित क्षमता 🏫
🔸 शैक्षिक सामग्री की कमी 📖
🔸 बहुभाषी शिक्षा में सामुदायिक विरोध

🌍 भाषाई विविधता और प्रवासन

💡 प्रवासन के कारण कक्षाओं में बहुभाषी छात्र बढ़ रहे हैं।
📌 31 मिलियन विस्थापित युवा शिक्षा में भाषा अवरोधों का सामना कर रहे हैं।

ऐतिहासिक और समकालीन कारक

उपनिवेशवाद ने कई देशों में भाषाई असमानता बढ़ाई।
📈 प्रवासन के कारण समृद्ध देशों की कक्षाओं में नई भाषाएँ शामिल हो रही हैं, जिससे शिक्षा प्रणालियों के सामने नई चुनौतियाँ हैं।

🇮🇳 भारत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)

📢 भारत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन तीन-भाषा नीति का कुछ राज्यों में विरोध हो रहा है।

📉 पढ़ाई में बढ़ता अंतर

📊 2010-2022 के बीच गणित और पढ़ाई में छात्रों के बीच का अंतर बढ़कर 12-18% और 10-15% तक पहुंच गया, जिससे स्पष्ट होता है कि गृहभाषा में शिक्षा न मिलने से छात्र अधिक जोखिम में हैं।

📅 तारीख: 2 मार्च 2025
🏛 घोषणा: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर

✍️ युद्धविराम योजना

🔹 यूके और फ्रांस एक 1 महीने के युद्धविराम पर काम कर रहे हैं।
🔹 यह हवाई, समुद्री और ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने पर केंद्रित होगा, लेकिन जमीनी लड़ाई जारी रहेगी

स्टार्मर की पहल

🔸 यूरोप को शांति वार्ता में अहम भूमिका निभानी चाहिए।
🔸 यूक्रेन को 1.6 बिलियन पाउंड ($2 बिलियन) के निर्यात वित्त से 5,000 एयर डिफेंस मिसाइलें दी जाएंगी।

🇪🇺 यूरोपीय समर्थन

📌 यूरोपीय नेताओं का यूक्रेन को व्यापक समर्थन 💪
📌 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ज़ेलेंस्की पर आलोचना के बावजूद, यूरोप ने एकजुटता दिखाई।

🛡️ सुरक्षा गारंटी के 3 प्रमुख बिंदु

1️⃣      यूक्रेन को मजबूत स्थिति में लाने के लिए हथियार समर्थन ⚔️
2️⃣     यूरोपीय सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करना 🏰
3️⃣    अमेरिकी समर्थन प्राप्त करना, ताकि पुतिन अपने वादे न तोड़ सकें 🎯

💰 यूरोपीय रक्षा बजट में बढ़ोतरी

📈 यूके का रक्षा खर्च 2027 तक GDP के 2.5% तक बढ़ेगा।
📌 अन्य यूरोपीय देश भी इसी दिशा में कदम उठा सकते हैं।

📅 तारीख: 2 मार्च 2025
🏛 घोषणा: भारत सरकार

📌 PLI योजना की समीक्षा और नया चरण (PLI 2.0)

🔹 उद्देश्य: घरेलू विनिर्माण, मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देना 📈
🔹 शुरुआत: अप्रैल 2020, 14 प्रमुख क्षेत्रों में लागू 🏗️

💰 निवेश और रोजगार पर प्रभाव

📊 अब तक का निवेश: ₹1.46 लाख करोड़ 🏦
👷‍♂️ रोजगार सृजन: 9.5 लाख (सीधे + अप्रत्यक्ष) 📊
🌍 निर्यात वृद्धि: ₹4 लाख करोड़ 📦

⚠️ चुनौतियाँ और भविष्य की रणनीति

📉 कुछ क्षेत्रों में मूल्य संवर्धन अभी भी कम
📌 सरकार नए मेट्रिक्स पर विचार कर रही है, जिससे निर्यात और मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन मिलेगा 🚀

📱 इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बड़ा कदम

💡 बजट 2025: इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए ₹25,000 करोड़ की नई PLI योजना 🔋
🎯 उद्देश्य: घरेलू उत्पादन बढ़ाना और आयात पर निर्भरता कम करना 🏭

🌎 वैश्विक प्रतिस्पर्धा और निर्यात बढ़ावा

📈 निर्यात को नया फोकस मेट्रिक बनाया गया, ताकि भारत की विनिर्माण क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार हो सके 💪

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DOWNLOADE COMPLE CURRENT AFFAIRS OF FEB 2025

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