Military exercise ‘Water-Land-Defence 2025’ – held at Bet Dwarka

🎯 सैन्य अभ्यास ‘जल-थल-रक्षा 2025’ – बेट द्वारका में आयोजित

🔍 चर्चा में क्यों?
भारतीय सेना ने भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और मरीन पुलिस के साथ मिलकर गुजरात के बेट द्वारका में सैन्य अभ्यास ‘जल-थल-रक्षा 2025’ का आयोजन किया।

📌 इस अभ्यास का उद्देश्य:
द्वीप सुरक्षा को मजबूत करना
अवैध अतिक्रमण रोकना
विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना

📍 इस सैन्य ड्रिल का निरीक्षण कई सरकारी एजेंसियों ने किया, जिससे संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने की तैयारियों को परखा गया।


📍 अभ्यास के प्रमुख बिंदु

📌 स्थान और उद्देश्य

📍 स्थान: बेट द्वारका, गुजरात
🎯 उद्देश्य:
✔ द्वीप सुरक्षा को सुदृढ़ करना
अवैध घुसपैठ और अतिक्रमण को रोकना
✔ समुद्री और जमीनी सुरक्षा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना


👥 प्रमुख प्रतिभागी

🚢 भारतीय सेना की इकाइयाँ:
✔ 11 अहमदाबाद यूनिट
✔ 31 जामनगर यूनिट

🌊 भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और मरीन पुलिस

🏛 अन्य सरकारी विभाग:
देवभूमि द्वारका जिला प्रशासन
वन विभाग
समुद्री बोर्ड
गुजरात ऊर्जा विभाग
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG)


प्रमुख गतिविधियाँ

🔹 हवरक्राफ्ट लैंडिंग और सुरक्षा अभ्यास
🔹 भूमि आधारित खतरों और आतंकवादी हमलों के संभावित परिदृश्यों की प्रतिक्रिया का अभ्यास
🔹 आपात स्थिति के दौरान विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को मजबूत करना
🔹 समुद्री और तटीय क्षेत्रों में गश्त एवं निगरानी रणनीतियाँ

📌 यह अभ्यास भारत की तटीय सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और रक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा


🛡 रणनीतिक महत्व

📌 तटीय और समुद्री रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है
📌 आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए अंतर-सेवा समन्वय में सुधार करता है
📌 समुद्री और भूमि-आधारित सुरक्षा बलों की दक्षता को बढ़ाता है
📌 भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और द्वीप क्षेत्रों की रक्षा तैयारियों को उन्नत करता है


📊 मुख्य पहलू: संक्षिप्त सारांश

मुख्य बिंदुविवरण
क्यों चर्चा में?बेट द्वारका में सैन्य अभ्यास ‘जल-थल-रक्षा 2025’ का आयोजन
अभ्यास का नामजल-थल-रक्षा 2025
स्थानबेट द्वारका, गुजरात
उद्देश्यद्वीप सुरक्षा को मजबूत करना, अवैध अतिक्रमण रोकना
प्रमुख प्रतिभागीभारतीय सेना, तटरक्षक बल, मरीन पुलिस, सरकारी एजेंसियाँ
मुख्य गतिविधियाँसुरक्षा अभ्यास, खतरे की प्रतिक्रिया सिमुलेशन, हवरक्राफ्ट की तैनाती
रणनीतिक प्रभावरक्षा तैयारियों को मजबूत करना और एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना

🌟 निष्कर्ष

‘जल-थल-रक्षा 2025’ अभ्यास भारत की द्वीप और तटीय सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अभ्यास से सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर हुआ है, जिससे भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी।
यह भारत की समुद्री और जमीनी सुरक्षा रणनीतियों को और अधिक प्रभावी बनाएगा। 🚀