लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (FIT) ढांचा
RBI के एक दस्तावेज में कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (FIT) ढांचा भारत के लिए उपयोगी रहा है । हाल ही में, RBI ने एक चर्चा पत्र जारी किया है, जिसमें भारत के FIT ढांचे की दूसरी पांच वर्षीय समीक्षा शुरू की गई है । FIT ढांचा मई 2016 में RBI अधिनियम, 1934 में संशोधन के माध्यम से स्थापित किया गया था । इसका उद्देश्य कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास के लक्ष्य को भी ध्यान में रखना है ।
भारत के FIT अनुभव (2016-2025) का अवलोकन:
- 2016 में FIT की शुरुआत से लेकर 2019 के अंत तक, भारत में मुद्रास्फीति कम और स्थिर रही है, यह औसतन लगभग 4 प्रतिशत रही है ।
- 2020 से, महामारी (कोविड-19) और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाने-पीने की चीजों एवं ईंधन की कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति तय लक्ष्य (अधिकतम 6% और न्यूनतम 2% के सहनीय स्तर के साथ) से ऊपर चली गई ।
- इसके बाद सरकार के आपूर्ति बढ़ाने वाले कदमों, महंगाई रोकने वाली मौद्रिक नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम होते कच्चे माल/कमोडिटी की कीमतों की वजह से मुद्रास्फीति फिर से कम होकर नियंत्रण में आ गई ।
चर्चा पत्र में मुख्य वाद-विवाद:
- बेंचमार्क-हेडलाइन मुद्रास्फीति को लक्षित करना या नहीं:
- पक्ष में तर्क: उपभोग बास्केट का 50% से अधिक हिस्सा खाद्य और ईंधन का है । लक्ष्य बढ़ाने से विश्वसनीयता कम हो सकती है । इसे घटाना भी उचित नहीं है, क्योंकि वैश्विक खाद्य मुद्रास्फीति का जोखिम अधिक है ।
- विरोध में तर्क: खाद्य व ईंधन की मुद्रास्फीति अस्थिर, आपूर्ति-संचालित और मौद्रिक नीति के प्रति कम संवेदनशील होती है । इससे कोर मुद्रास्फीति एक बेहतर बेंचमार्क बन जाती है ।
- 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य की उपयुक्तता:
- विरोध में तर्क: कम मुद्रास्फीति लक्ष्य दीर्घकाल में संवृद्धि की संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उच्चतर लक्ष्य रखने की आवश्यकता है ।
- टॉलरेंस बैंड की उपयुक्तता (+/- 2%):
- पक्ष में तर्क: आघातों के कारण उतार-चढ़ाव को समायोजित करने हेतु लचीलापन मिलता है और संवृद्धि-मुद्रास्फीति के बीच संतुलन स्थापित होता है । भारत की उपभोग बास्केट में खाद्य का हिस्सा अधिक है, जो इसे और भी मजबूत बनाता है ।
- विरोध में तर्क: FIT को अपनाने के बाद से हेडलाइन मुद्रास्फीति की अस्थिरता में कमी आई है ।
- रेंज टारगेटिंग (जैसे 2% से 6%):
- पक्ष में तर्क: आर्थिक आघातों का सामना करने के लिए केंद्रीय बैंकों को अधिक लचीलापन प्रदान करती है । मुद्रास्फीति पूर्वानुमान में अनिश्चितताओं को स्वीकार करती है ।
- विरोध में तर्क: बिंदु लक्ष्य (Point target) की बजाय सीमा लक्ष्य (Range target) का उपयोग करने से नीतिगत अस्पष्टता उत्पन्न हो सकती है, विश्वास की कमी हो सकती है और वित्तीय अनुशासन में गिरावट आ सकती है ।