भारत ‘यूरोड्रोन’ कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल

भारत ‘यूरोड्रोन’ कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल

भारत यूरोड्रोनकार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल

📅 21 जनवरी, 2025: आधिकारिक घोषणा

  • भारत को आधिकारिक रूप से मल्टीनेशनल यूरोड्रोन कार्यक्रम में पर्यवेक्षक राष्ट्र के रूप में शामिल किया गया।
  • इस घोषणा को संयुक्त आयुध सहयोग संगठन (OCCAR) ने किया, और भारत जापान के बाद दूसरा एशिया-प्रशांत भागीदार बना है।

🚁 यूरोड्रोन: मीडियम अल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन

  • यूरोड्रोन एक मीडियम अल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) है, जो ड्रोन आधारित निगरानी और टोती (ISR) प्रणाली के रूप में कार्य करता है।
  • इसका उद्देश्य पारंपरिक मानवरहित हवाई वाहनों (UAV) से अधिक उन्नत क्षमताएँ प्रदान करना है।

🌍 यूरोड्रोन कार्यक्रम का इतिहास

  • यूरोड्रोन कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी।
  • यह कार्यक्रम यूरोप के चार प्रमुख देशों – जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन की एक संयुक्त पहल का परिणाम है।

💼 प्रमुख कंपनियाँ और भागीदार

  • यूरोड्रोन कार्यक्रम में प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं:
    • एयरवस (स्पेन)
    • डसॉल्ट एविएशन (फ्रांस)
    • लियोनार्डो (इटली)
  • कार्यक्रम का प्रबंधन संयुक्त आयुध सहयोग संगठन (OCCAR) द्वारा किया जा रहा है।

🛩️ यूरोड्रोन का भविष्य

  • यूरोड्रोन का पहला प्रोटोटाइप 2027 में उड़ान भरने की संभावना है।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य यूरोपीय देशों की अमेरिकी MQ-9B ड्रोन जैसी गैर-यूरोपीय प्रणालियों पर निर्भरता को कम करना है।

🔧 भारत का योगदान और उद्देश्य

  • भारत का यूरोड्रोन कार्यक्रम में शामिल होना उसे वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी में एक नया स्थान प्रदान करेगा।
  • यह भारत की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा, और साथ ही यूरोपीय देशों के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देगा।