🌐 वैश्विक नेटवर्क तत्परता सूचकांक 2025 में भारत का प्रदर्शन
अप्रैल 2025 में अंकटाड (UNCTAD) द्वारा जारी ‘प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट 2025′ के अनुसार, भारत ने वैश्विक नेटवर्क तत्परता सूचकांक में 170 देशों में 36वां स्थान प्राप्त किया है। यह 2022 में 48वें स्थान की तुलना में एक उल्लेखनीय प्रगति है।
🔍 प्रमुख बिंदु:
🇮🇳 भारत की रैंकिंग में सुधार
- भारत ने अग्रणी प्रौद्योगिकियों को अपनाने और एकीकृत करने की क्षमता में बेहतर प्रदर्शन किया है।
- यह सूचकांक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT), मानव पूंजी, अनुसंधान एवं विकास (R&D), औद्योगिक क्षमता, और वित्त तक पहुंच जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित है।
📊 भारत का क्षेत्रवार प्रदर्शन
मापदंड | रैंक | विवरण |
कुल रैंकिंग | 36वां | 2022 में 48वें स्थान से सुधार |
ICT तत्परता | 99वां | डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता |
मानव पूंजी | 113वां | कौशल विकास और प्रशिक्षण में चुनौतियाँ |
अनुसंधान एवं विकास (R&D) | 3रा | विश्व स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन |
औद्योगिक क्षमता | 10वां | मजबूत विनिर्माण आधार का संकेत |
वित्त तक पहुंच | 70वां | वित्तीय सेवाओं में और विस्तार की संभावना |
💡 भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ
- भारत ने AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और नैनो प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाया है।
- AI से जुड़ी वैज्ञानिक गतिविधियों में भारत का योगदान उल्लेखनीय रहा है।
- भारत में 13 मिलियन से अधिक डेवलपर्स हैं – GitHub पर अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय।
- जनरेटिव AI (GenAI) परियोजनाओं में भारत का वैश्विक योगदान लगातार बढ़ रहा है।
- AI में निजी निवेश (2023):
- $1.4 बिलियन (USD)
- विश्व स्तर पर 10वां स्थान, चीन और अमेरिका के बाद
📈 विकासशील देशों के बीच भारत की भूमिका
- भारत, चीन, ब्राज़ील और फिलीपींस जैसे देशों के साथ मिलकर उन राष्ट्रों में शामिल है, जिन्होंने प्रति व्यक्ति आय कम होने के बावजूद तकनीकी तत्परता में अपेक्षाओं से बेहतर प्रदर्शन किया है।
- भूटान, मोरक्को, मोल्दोवा और तिमोर-लेस्ते के साथ भारत ने मानव पूंजी विकास में भी उल्लेखनीय प्रगति की है – खासकर शिक्षा की औसत अवधि और उच्च-स्तरीय रोजगार में वृद्धि के कारण।
🤖 AI का भविष्य और चुनौतियाँ
- AI जहां कुछ पारंपरिक नौकरियों को खत्म कर सकता है, वहीं यह नई नौकरियाँ और उद्योग भी उत्पन्न करेगा।
- रिपोर्ट में AI-संचालित भविष्य के लिए रि-स्किलिंग और अपस्किलिंग (पुनः कौशल और कौशल वृद्धि) की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
✅ निष्कर्ष
भारत ने वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है।
सूचकांक में रैंकिंग में सुधार भारत की नीतियों, नवाचारों और डिजिटल समावेशन की दिशा में प्रयासों को दर्शाता है।
हालांकि ICT बुनियादी ढांचे और मानव पूंजी में सुधार की आवश्यकता है, फिर भी भारत का AI और R&D में नेतृत्व भविष्य में इसे तकनीकी महाशक्ति बनने की दिशा में ले जा रहा है।