गुजरात का पहला जैव विविधता विरासत स्थल

गुजरात का पहला जैव विविधता विरासत स्थल

🌿 गुजरात का पहला जैव विविधता विरासत स्थल

📅 30 जनवरी, 2025: ऐतिहासिक घोषणा

  • गुजरात जैव विविधता बोर्ड ने कच्छ जिले के लखपत तालुका के गुनेरी गांव में ‘अंतर्देशीय मैंग्रोव गुनेरी’ स्थल को आधिकारिक रूप से गुजरात का पहला ‘जैव विविधता विरासत स्थल’ घोषित किया।
  • यह घोषणा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और वन एवं पर्यावरण मंत्री के नेतृत्व में की गई, जिसका उद्देश्य इस अद्वितीय मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करना है।

🌱 जैव विविधता विरासत स्थल का महत्व

  • 78 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह स्थल कच्छ की पारिस्थितिक पहचान को मजबूत करता है और जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • यह स्थल गैर-ज्वारीय वातावरण में स्थित होने के कारण विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आमतौर पर मैंग्रोव तट ज्वारीय पानी से प्रभावित होते हैं।

🌊 मुनेरी का विशेष मैंग्रोव वन

  • मुनेरी मैंग्रोव अरब सागर से 45 किमी दूर स्थित है, और यहाँ समुद्र का ज्वारीय प्रवाह नहीं होता।
  • यह स्थल कीचड़ या दलदली भूमि से रहित है और सपाट भूमि में फैला हुआ एक अनोखा वन क्षेत्र है।

🔍 संरक्षण का उद्देश्य

  • इस जैव विविधता विरासत स्थल का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के पारिस्थितिक महत्व को बनाए रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण करना है।
  • यह स्थल जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की संतुलन को बनाए रखने में सहायक होगा।

📍 भविष्य की दिशा

  • इस कदम से गुजरात में जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और अन्य पारिस्थितिकी तंत्रों को भी संरक्षण की दिशा में प्रेरित किया जाएगा।