QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज़ सब्जेक्ट रैंकिंग 2025

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज़ सब्जेक्ट रैंकिंग 2025

🎓 QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज़ सब्जेक्ट रैंकिंग 2025

जारी: 12 मार्च 2025

🔍 अवलोकन और पद्धति

QS ने 55 विषयों में विश्वभर के विश्वविद्यालयों को रैंक किया, जिनमें मुख्य संकेतक हैं:

  1. अकादमिक प्रतिष्ठा
  2. नियोजक प्रतिष्ठा
  3. प्रति-पत्र उद्धरण
  4. H‑Index
  5. अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क

🇮🇳 भारत की उपलब्धियाँ

  • 9 भारतीय संस्थान ने टॉप50 में स्थान बनाया।
  • कुल 79 संस्थानों ने 533 रैंक हासिल की (पिछले वर्ष से7% वृद्धि)।
  • नए रैंक प्राप्त करने वाले देशों में भारत 5वाँ (चीन, अमेरिका, यूके, दक्षिण कोरिया के बाद)।

🏅 शीर्ष 50 में शामिल प्रमुख भारतीय संस्थान

  • ISM धनबाद– खनिज एवं खनन (20वां)
  • IIT दिल्ली– इंजीनियरिंग (26वां)
  • IIT बॉम्बे– प्रौद्योगिकी (28वां)
  • IIT खड़गपुर– खनिज एवं खनन (45वां)
  • IIT मद्रास– पेट्रोलियम इंजीनियरिंग (टॉप 50)
  • IIM अहमदाबाद– बिजनेस व मैनेजमेंट (27वां)
  • IIM बंगलौर– बिजनेस व मैनेजमेंट (40वां)
  • JNU– विकास अध्ययन (टॉप 50)

टीप: IIT दिल्ली एवं बॉम्बे ने ‘इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग’ में भी टॉप 50 में प्रवेश किया।

📑 श्रेणीवार मुख्य बिंदु

  1. इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी
    • IIT दिल्ली (26), IIT बॉम्बे (28) ने ‘इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स’ में सुधार दिखाया।
    • IIT मद्रास (Petroleum Engg.) ने अपना स्थान बरकरार रखा।
  2. खनिज एवं खनन
    • ISM धनबाद शीर्ष20 में, IIT खड़गपुर ने 45वां स्थान बनाए रखा।
  3. बिजनेस व मैनेजमेंट स्टडीज़
    • IIM अहमदाबाद (27) व IIM बंगलौर (40) टॉप50 में स्थान, पर पिछली रैंक से थोड़ी गिरावट।
  4. कला व मानविकी
    • कुल 10 भारतीय संस्थान टॉप200 में; प्रमुख: दिल्ली यूनिवर्सिटी, JNU, IIT बॉम्बे।
  5. जीवन विज्ञान व चिकित्सा
    • 6 संस्थान शामिल; AIIMS दिल्ली शीर्ष (226)।

💬 CEO की टिप्पणी

“भारत ने AI, हरित एवं डिजिटल कौशल में उल्लेखनीय प्रगति की है।
फिर भी स्थिरता और उद्यमशीलता में अंतर बना हुआ है।
उच्च शिक्षा सुधार एवं कौशल संरेखण से इसे पाटना आवश्यक है।”
— जेसिका टर्नर, QS CEO

🔚 निष्कर्ष

QS 2025 की यह रैंकिंग दर्शाती है कि भारतीय विश्वविद्यालय विषयवार वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती से उभर रहे हैं।
अगले कदम:

  • स्थिरता व उद्यमशीलता कौशल को सशक्त बनाना
  • उद्योग–अकादमी सहयोग जारी रखना
  • अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क का विस्तार करना

“भारत की शिक्षा गुणवत्ता और वैश्विक नेतृत्व क्षमता निरंतर बेहतर बनेगी।”