ग्रीन मोबिलिटी इनिशिएटिव: भारत में ई-वाहनों की दिशा में बड़ा कदम
भारत तेजी से ग्रीन एनर्जी और सतत विकास की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर से “ग्रीन मोबिलिटी इनिशिएटिव” की शुरुआत की। इस अवसर पर कई अहम घोषणाएँ और परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया, जिनका उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है।
मुख्य आकर्षण
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भारत में बनी पहली सुजुकी वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) “e-VITARA” को लॉन्च किया गया।
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यह गाड़ी न केवल भारत में उपलब्ध होगी, बल्कि 100 से अधिक देशों में निर्यात भी की जाएगी।
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गुजरात में TDS लिथियम-आयन बैटरी प्लांट का भी उद्घाटन हुआ, जहाँ हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड का स्थानीय उत्पादन शुरू किया जाएगा।
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इस पहल से आने वाले समय में भारत में 80% से अधिक बैटरियों का स्वदेशी निर्माण संभव होगा।
बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) क्या होते हैं?
बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) पूरी तरह से बैटरी से चलने वाले वाहन होते हैं, जिनमें कोई पारंपरिक पेट्रोल या डीजल इंजन नहीं होता।
प्रमुख घटक:
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इलेक्ट्रिक मोटर – गाड़ी को शक्ति प्रदान करती है।
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इन्वर्टर – बैटरी से मिलने वाली डीसी (Direct Current) बिजली को एसी (Alternating Current) में बदलता है।
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लिथियम-आयन बैटरी – ऊर्जा संग्रहित करती है।
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कंट्रोल मॉड्यूल और ड्राइवट्रेन – संचालन और गाड़ी की गति को नियंत्रित करते हैं।
कार्य सिद्धांत:
बैटरी में संचित डीसी करंट को इन्वर्टर द्वारा एसी करंट में बदला जाता है, जो इलेक्ट्रिक मोटर को शक्ति देता है और गाड़ी चलती है।
चुनौतियाँ
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सीमित ड्राइविंग रेंज – पेट्रोल/डीजल वाहनों की तुलना में EV की दूरी अभी कम है।
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चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी – देशभर में पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं।
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उच्च प्रारंभिक लागत – एक इलेक्ट्रिक गाड़ी की कीमत अभी भी ज्यादा है, खासकर बैटरी की वजह से (लागत का लगभग 40%)।
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जागरूकता की कमी – अभी भी आम लोगों में ई-वाहनों को लेकर भ्रम और संकोच है।
समाधान और भविष्य की दिशा
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बैटरियों को लीज पर देना – इससे गाड़ी की शुरुआती कीमत कम होगी।
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मिश्रित कोष (Blended Fund) – ई-बसों और ई-ट्रकों की लागत कम करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर फंड तैयार करेंगे।
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नई बैटरी तकनीक पर अनुसंधान – जैसे सॉलिड-स्टेट बैटरी, हाइड्रोजन फ्यूल सेल आदि।
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चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार – हर शहर, हाईवे और ग्रामीण क्षेत्र तक फास्ट चार्जिंग स्टेशन।
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जन-जागरूकता अभियान – ताकि लोग EV अपनाने के फायदे समझें और आत्मविश्वास से निवेश करें।
निष्कर्ष
ग्रीन मोबिलिटी इनिशिएटिव न सिर्फ भारत को स्वच्छ ऊर्जा और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ाएगा, बल्कि यह देश की वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में हिस्सेदारी को भी मजबूत करेगा। “e-VITARA” का लॉन्च और बैटरी प्लांट का उद्घाटन इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
भारत का लक्ष्य अब सिर्फ EV अपनाना नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में टेक्नोलॉजी और उत्पादन का वैश्विक हब बनना है। आने वाले वर्षों में यह पहल भारतीय अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और आम जनता के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम होगी।