भारत की रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा: आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक यात्रा

🇮🇳 भारत की रक्षा एवं आंतरिक सुरक्षा: आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक यात्रा

📅 प्रकाशन तिथि: 23 अगस्त 2025
✍️ लेखक: [Anmol tiwari]


🔍 भूमिका

पिछले एक दशक में भारत ने अपनी रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में उल्लेखनीय प्रगति की है। जहां एक ओर सैन्य क्षमताएं आधुनिक हुई हैं, वहीं दूसरी ओर नीति-निर्माण में “आत्मनिर्भर भारत” का विज़न स्पष्ट रूप से झलकता है। यह परिवर्तन केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक सोच का परिणाम है — जिसमें आत्मनिर्भरता, तकनीकी नवाचार, सशक्त प्रतिकार नीति और आतंरिक स्थिरता प्रमुख स्तंभ हैं।


🛡️ रक्षा क्षमता को मज़बूत करने की दिशा में ठोस कदम

💰 1. बढ़ता रक्षा व्यय

वर्ष रक्षा बजट
2013-14 ₹2.53 लाख करोड़
2025-26 ₹6.81 लाख करोड़

➡️ यह वृद्धि केवल खर्च में नहीं बल्कि रणनीतिक प्राथमिकताओं के पुनर्निर्धारण का संकेत देती है।


🏭 2. घरेलू रक्षा उत्पादन में तीन गुना वृद्धि

  • पिछले 10 वर्षों में रक्षा उत्पादन ₹50,000 करोड़ से बढ़कर ₹1.5 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।

  • इससे आयात पर निर्भरता घटी है और Make in India को बल मिला है।


📜 3. नीतिगत सुधार: स्वदेशी को प्राथमिकता

  • रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया, 2020 में IDDM (Indian Design, Development & Manufacturing) को शीर्ष श्रेणी दी गई है।

  • सृजन पोर्टल और पॉजिटिव स्वदेशीकरण लिस्ट के जरिए रक्षा उपकरणों की आयात सूची को कम किया जा रहा है।

  • iDEX (Innovations for Defence Excellence) और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड जैसे प्लेटफॉर्म स्टार्टअप्स और MSMEs को रक्षा क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं।


🚢 4. रक्षा निर्यात में ऐतिहासिक उछाल

वर्ष रक्षा निर्यात
2013-14 ₹700 करोड़ (लगभग)
2023-24 ₹23,622 करोड़

➡️ भारत अब 100 से अधिक देशों को हथियार निर्यात कर रहा है, जिनमें अमेरिका, फ्रांस, आर्मेनिया आदि शामिल हैं। यह रक्षा कूटनीति की भी सफलता है।


🌐 5. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा

  • उच्च तकनीक को आकर्षित करने के लिए रक्षा क्षेत्र में FDI की सीमा बढ़ाई गई है

  • इससे वैश्विक कंपनियों की भागीदारी और तकनीकी साझेदारी में वृद्धि हुई है।


🔫 आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक नीति

⚔️ 1. सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर

  • 2016: सर्जिकल स्ट्राइक — LOC पार आतंकी ठिकानों पर।

  • 2025: ऑपरेशन सिंदूर — सीमावर्ती आतंकवादी लॉन्च पैड्स को निष्क्रिय किया गया।

➡️ भारत अब आतंकवादी घटनाओं पर आक्रामक और निर्णायक प्रतिक्रिया देने की नीति पर चल रहा है।


🛡️ 2. सुदर्शन चक्र मिशन (2025)

  • उद्देश्य: 2035 तक एक अत्याधुनिक और स्वदेशी सुरक्षा ढांचा खड़ा करना।

  • यह रक्षा नवाचार, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष रक्षा और तकनीकी स्वावलंबन पर केंद्रित है।


🔰 3. प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित ‘फाइव न्यू नॉर्मल्स’

  1. आतंकवादी हमलों का कठोर जवाब

  2. परमाणु ब्लैकमेल की कोई जगह नहीं

  3. आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों में कोई भेद नहीं

  4. भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं

  5. किसी भी बातचीत से पहले आतंकवाद पर चर्चा आवश्यक

➡️ यह नीति भारत की वैश्विक छवि को सशक्त और दृढ़ बनाती है।


🏠 घरेलू सुरक्षा: स्थायित्व की ओर बढ़ते कदम

🔴 1. वामपंथी उग्रवाद पर नियंत्रण

आँकड़ा पहले अब
हिंसक घटनाएं 1000+ 85% तक की कमी
नागरिक हताहत सैकड़ों न्यूनतम

➡️ यह सफलता सुरक्षा बलों की कार्रवाई, विकास योजनाओं और समावेशी नीति का परिणाम है।


📈 2. आर्थिक और तकनीकी सशक्तिकरण

  • वित्तीय समावेशन ने ग्रामीण आबादी को मुख्यधारा से जोड़ा है।

  • खाद्यान्न और डेयरी उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।

  • भारत सेमीकंडक्टर मिशन देश को इलेक्ट्रॉनिक चिप्स में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।


📌 निष्कर्ष: आत्मनिर्भर सुरक्षा की ओर निर्णायक कदम

भारत अब केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने वाला राष्ट्र नहीं, बल्कि वैश्विक रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था में योगदान देने वाला अग्रणी देश बनता जा रहा है। पिछले एक दशक में जो परिवर्तन हुए हैं, वे भारत को:

  • तकनीकी रूप से उन्नत

  • रणनीतिक रूप से सक्षम

  • और नीतिगत रूप से स्पष्ट राष्ट्र के रूप में स्थापित करते हैं।

✊ आत्मनिर्भर भारत केवल आर्थिक मंत्र नहीं, बल्कि सुरक्षा दर्शन का भी आधार बन चुका है।


📚 स्रोत एवं संदर्भ

  • रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार

  • रक्षा बजट 2025-26

  • iDEX, DRDO, HAL रिपोर्ट्स

  • सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति

  • PMO और गृह मंत्रालय प्रेस रिलीज़