इंदौर में भारत का पहला PPP मॉडल पर आधारित ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट

इंदौर में भारत का पहला PPP मॉडल पर आधारित ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट

1.   ♻️ इंदौर में भारत का पहला PPP मॉडल पर आधारित ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट

इंदौर, जो देश में स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है, अब भारत का पहला ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने जा रहा है, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित होगा। यह पहल स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत की जा रही है।

🌿 परियोजना के मुख्य उद्देश्य:

  • हरे कचरे को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करना
  • प्रदूषण में कमी लाना
  • पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना
  • कोयले के विकल्प के रूप में लकड़ी के पेलेट्स का निर्माण
  • राजस्व सृजन के नए स्रोत तैयार करना

🏗️ प्लांट से जुड़ी प्रमुख जानकारियाँ:

  • स्थान: बिचौली हप्सी, इंदौर
  • क्षेत्रफल: 5500 वर्ग फुट
  • निजी साझेदार: एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड
  • संचालनकर्ता: इंदौर नगर निगम (IMC)
  • प्रति टन हरे कचरे पर रॉयल्टी: ₹30,000 (लकड़ी और शाखाओं की आपूर्ति पर)

🔄 ग्रीन वेस्ट प्रोसेसिंग प्रक्रिया:

  1. रोज़ाना 30 टन हरा कचरा उत्पन्न, जो शरद ऋतु में बढ़कर 60-70 टन हो जाता है।
  2. हरे कचरे को 3-4 महीनों तक सुखाया जाएगा, जिससे उसकी नमी लगभग 90% तक कम हो जाएगी।
  3. सूखा कचरा मशीनों से पीसकर सूक्ष्म चूरे (सॉ-डस्ट) में बदला जाएगा।
  4. यह चूरा लकड़ी के पेलेट्स और अन्य इको-फ्रेंडली उत्पादों में बदला जाएगा।

🌳 अन्य संबंधित पहल:

  • बड़े पेड़ों की शाखाएँ सीधे सिटी फॉरेस्ट ग्रीन वेस्ट प्लांट भेजी जाएंगी।
  • प्रमुख संस्थानों को हरे कचरे को सीधे प्लांट तक पहुँचाने की अनुमति होगी, एक निश्चित शुल्क संरचना के तहत।

🔚 निष्कर्ष:

यह परियोजना सतत पर्यावरणीय विकास, स्वच्छता मिशन की मजबूती, और हरित ऊर्जा स्रोतों के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल कोयले पर निर्भरता घटाएगी, बल्कि इंदौर के कचरा प्रबंधन मॉडल को और प्रभावशाली बनाएगी।