कुस्क क्षेत्र (Kursk Region): इतिहास, भूगोल और सामरिक महत्व

कुस्क क्षेत्र (Kursk Region): इतिहास, भूगोल और सामरिक महत्व

हाल ही में खबरों में रूस का कुस्क क्षेत्र (Kursk Region) आया, जब एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेनी ड्रोन हमले के कारण यहाँ स्थित कुस्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र में कुछ समय के लिए आग लग गई। इस घटना ने न केवल रूस-यूक्रेन संघर्ष की गंभीरता को उजागर किया, बल्कि इस क्षेत्र के महत्व को भी एक बार फिर चर्चा में ला दिया।


कुस्क क्षेत्र का परिचय

  • अवस्थिति:
    कुस्क रूस के यूरोपीय भाग में स्थित है। इसकी पश्चिमी सीमा यूक्रेन से लगती है।

  • यह क्षेत्र भूगोल, खनिज संसाधनों और इतिहास – तीनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण है।


ऐतिहासिक महत्व: कुस्क की लड़ाई (1943)

  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, 1943 में कुस्क की लड़ाई (Battle of Kursk) लड़ी गई थी।

  • यह युद्ध इतिहास का सबसे बड़ा टैंक युद्ध माना जाता है।

  • इस लड़ाई में सोवियत संघ ने जर्मन सेना को निर्णायक रूप से पीछे धकेला।

  • इसे द्वितीय विश्व युद्ध का एक निर्णायक मोड़ (Turning Point) माना जाता है, जिसने नाजी जर्मनी के पतन की नींव रखी।


भूगोल

  • कुस्क क्षेत्र मुख्य रूप से नीपर (Dnieper) और डॉन (Don) नदियों की घाटियों में बसा हुआ है।

  • यहाँ की उपजाऊ भूमि और नदियों के कारण यह कृषि उत्पादन के लिए भी जाना जाता है।


खनिज संपदा: कुस्क चुंबकीय विसंगति

  • यह क्षेत्र अपने खनिज संसाधनों के लिए अत्यंत प्रसिद्ध है।

  • यहाँ कुस्क चुंबकीय विसंगति (Kursk Magnetic Anomaly) पाई जाती है।

  • यह विश्व की सबसे बड़ी चुंबकीय विसंगति है।

  • यहाँ के लौह अयस्क भंडार विश्व के सबसे समृद्ध और विशाल भंडारों में से एक माने जाते हैं।

  • इस कारण कुस्क क्षेत्र रूस के औद्योगिक और धातुकर्म केंद्रों के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति करता है।


सामरिक और वर्तमान महत्व

  • रूस-यूक्रेन युद्ध में यह क्षेत्र बार-बार चर्चा में आता है, क्योंकि इसकी भौगोलिक स्थिति इसे सामरिक दृष्टि से संवेदनशील बनाती है।

  • यहाँ स्थित कुस्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूस के ऊर्जा ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • हालिया ड्रोन हमले जैसी घटनाएँ इस क्षेत्र की भू-राजनीतिक नाजुकता को और स्पष्ट करती हैं।


निष्कर्ष

कुस्क क्षेत्र सिर्फ रूस का एक प्रशासनिक हिस्सा नहीं, बल्कि इतिहास, खनिज संपदा और सामरिक महत्व का संगम है। द्वितीय विश्व युद्ध में इसकी निर्णायक भूमिका, खनिज संपदा और वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ इसे विश्व समाचारों में लगातार बनाए रखती हैं।