- भारत और जापान के बीच समुद्री संबंध (Maritime Relations between India and Japan)
भारत और जापान ने हाल ही में अपने समुद्री संबंधों को गहरा करने पर सहमति जताई है, जिसका उद्देश्य आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एक पारस्परिक लाभकारी भविष्य का निर्माण करना है।
समुद्री सहयोग के प्रमुख क्षेत्र (Key Areas of Maritime Cooperation)
- (A) स्मार्ट द्वीप विकास (Smart Island Development):
- लक्ष्य: अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को टिकाऊ और डिजिटल रूप से सशक्त “स्मार्ट द्वीप” में बदलना।
- मुख्य पहलें:
- नवीकरणीय ऊर्जाः सोलर और वाइंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स।
- स्मार्ट गतिशीलताः इलेक्ट्रिक वाहनों और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उपयोग।
- आपदा-रोधी अवसंरचनाः सुनामी और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु तकनीक।
- डिजिटल कनेक्टिविटी: हाई-स्पीड इंटरनेट और डिजिटल गवर्नेस।
- समुद्री अवसंरचना और निवेश (Maritime Infrastructure and Investment):
- जहाज निर्माण: जापान की इमाबारी शिपबिल्डिंग जैसी कंपनियों के साथ सहयोग से भारत में ग्रीनफील्ड शिपयार्ड (आंध्र प्रदेश) का विकास।
- निवेश लक्ष्य: 2027 तक 3 लाख करोड़ रुपये का संयुक्त निवेश।
- राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय (NMHC), लोथल (National Maritime Heritage Complex (NMHC), Lothal):
- जापान के सहयोग से गुजरात के लोथल (प्राचीन सिंधु घाटी बंदरगाह) में एक विश्वस्तरीय संग्रहालय का निर्माण।