शिक्षा क्षेत्र में डेटा प्रबंधन की नई दिशा

यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फोर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+): शिक्षा क्षेत्र में डेटा प्रबंधन की नई दिशा

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के बीच हाल ही में हुए समझौते ने भारत की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक डिजिटल एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस समझौते के तहत स्कूली बच्चों के आधार नंबर से संबंधित लंबित अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) की स्थिति को UDISE+ एप्लिकेशन पर अपडेट कराया जाएगा।


UDISE+ क्या है?

UDISE+ (Unified District Information System for Education Plus) एक शैक्षिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (Educational Management Information System – EMIS) है, जो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधीन कार्य करता है।

  • इसे मूल रूप से 2012-13 में विकसित किया गया था और समय के साथ इसे UDISE+ के रूप में अपग्रेड किया गया।

  • यह भारत के सभी स्कूलों से संबंधित डेटा को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है।


UDISE+ के मुख्य उद्देश्य

  1. स्कूल-स्तरीय डेटा संग्रहण:
    हर स्कूल से बुनियादी ढाँचे, छात्र नामांकन, शिक्षक संख्या, सुविधाओं और शिक्षा की गुणवत्ता से संबंधित जानकारी एकत्र करना।

  2. डेटा का विश्लेषण और नीति निर्माण:
    सरकार शिक्षा से जुड़ी योजनाएँ और नीतियाँ बनाने के लिए इस डेटा का उपयोग करती है।

  3. पारदर्शिता और उत्तरदायित्व:
    स्कूल स्तर पर वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलने से शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आती है।

  4. तकनीकी उन्नति:
    सभी डेटा रियल-टाइम ऑनलाइन सिस्टम पर अपलोड किया जाता है, जिससे तुरंत विश्लेषण और निर्णय संभव होता है।


UIDAI और UDISE+ का सहयोग

UIDAI और शिक्षा मंत्रालय के बीच हुए समझौते का मुख्य फोकस है –

  • स्कूली बच्चों के आधार से जुड़े बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) को सुनिश्चित करना।

  • आधार आधारित पहचान से यह पता चल सकेगा कि बच्चों का नामांकन, छात्रवृत्ति और शैक्षिक सुविधाएँ सही लाभार्थियों तक पहुँच रही हैं या नहीं।

  • इससे भूतपूर्व (ghost) नामांकन और डुप्लीकेट रिकॉर्ड्स की समस्या भी खत्म होगी।


UDISE+ के माध्यम से उपलब्ध डेटा

UDISE+ भारत में स्कूल शिक्षा का सबसे बड़ा डेटाबेस है। इसमें शामिल हैं:

  • स्कूलों की संख्या और प्रकार (सरकारी, निजी, सहायता प्राप्त आदि)।

  • छात्रों का नामांकन और ड्रॉप-आउट दर

  • शिक्षकों की संख्या, योग्यता और प्रशिक्षण की स्थिति

  • बुनियादी ढाँचा – कक्षाएँ, बिजली, इंटरनेट, टॉयलेट, पेयजल आदि।

  • लिंग समानता और सामाजिक समावेशन से जुड़े आँकड़े।


शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव

  1. नीति निर्धारण में सुधार: सटीक डेटा से केंद्र और राज्य सरकारें शिक्षा सुधार की बेहतर योजनाएँ बना सकती हैं।

  2. संसाधनों का न्यायसंगत वितरण: जिन क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर कमजोर है, वहाँ अधिक निवेश और सहायता संभव होगी।

  3. डिजिटल इंडिया और शिक्षा का संगम: आधार और UDISE+ का एकीकरण शिक्षा को पूर्णत: डिजिटल और स्मार्ट बनाएगा।

  4. समावेशी शिक्षा: हर बच्चे की पहचान सुनिश्चित कर यह तय होगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।


निष्कर्ष

UDISE+ भारत के शिक्षा तंत्र का रीढ़ की हड्डी बनता जा रहा है। UIDAI के सहयोग से अब यह न केवल डेटा प्रबंधन तक सीमित रहेगा, बल्कि बच्चों की पहचान और शिक्षा अधिकार सुनिश्चित करने का भी माध्यम बनेगा।