स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नई उम्मीद

पी.एम. स्वनिधि योजना का पुनर्गठन और विस्तार: स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नई उम्मीद

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में पी.एम. स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Yojana) के पुनर्गठन और विस्तार को मंजूरी दी है। इस फैसले से लाखों स्ट्रीट वेंडर्स और रेहड़ी-पटरी वालों को सीधा लाभ मिलेगा। योजना की अवधि अब 31 दिसंबर, 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2030 कर दी गई है। इसके तहत अब 1.15 करोड़ लाभार्थियों को कवर किया जाएगा, जिनमें लगभग 50 लाख नए वेंडर्स भी शामिल होंगे।


योजना की नई विशेषताएं

1. ऋण की अधिकतम सीमा में वृद्धि

  • पहला चरण: ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000

  • दूसरा चरण: ₹20,000 से बढ़ाकर ₹25,000

  • तीसरा चरण: ₹50,000 (जैसा पहले था, वैसा ही रहेगा)

इस बदलाव से वेंडर्स को अपनी दुकानें और छोटे कारोबार बेहतर तरीके से चलाने के लिए पर्याप्त कार्यशील पूंजी मिल सकेगी।


2. UPI-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड

दूसरे चरण का ऋण सफलतापूर्वक चुका देने के बाद वेंडर्स को UPI-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड मिलेगा। इससे वे आपातकालीन स्थिति में आसानी से और तुरंत ऋण प्राप्त कर सकेंगे।


3. डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन

  • वेंडर्स को UPI से लेन-देन करने पर अधिकतम ₹1,600 तक का कैशबैक प्रोत्साहन मिलेगा।

  • इसका उद्देश्य वेंडर्स को डिजिटल पेमेंट की ओर प्रोत्साहित करना है।


4. क्षमता निर्माण और कौशल विकास

योजना के अंतर्गत वेंडर्स को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि कौशल विकास और प्रशिक्षण भी मिलेगा।

  • वित्तीय साक्षरता

  • उद्यमिता कौशल

  • डिजिटल लेन-देन का प्रशिक्षण

  • मार्केटिंग और ब्रांडिंग सहयोग

  • FSSAI के साथ साझेदारी में स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा का प्रशिक्षण


पी.एम. स्वनिधि योजना क्या है?

  • प्रकार: केंद्रीय क्षेत्र की योजना

  • शुरुआत: 2020 में, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा

  • उद्देश्य:

    • स्ट्रीट वेंडर्स को कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण उपलब्ध कराना

    • उन्हें वित्तीय समावेशन से जोड़ना

    • डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना

    • वेंडर्स को मान्यता और पहचान दिलाना


लक्षित लाभार्थी

  • शहरी क्षेत्रों में कार्यरत स्ट्रीट वेंडर्स और हॉकर्स

  • विशेष रूप से वे लोग, जो 24 मार्च, 2020 या उससे पहले अपने कारोबार में सक्रिय थे


योजना का महत्व

पी.एम. स्वनिधि योजना का पुनर्गठन और विस्तार, देश के लाखों स्ट्रीट वेंडर्स के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच साबित होगा। यह न केवल उनके कारोबार को स्थिरता देगा, बल्कि उन्हें डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान से भी जोड़ेगा।