वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) 2023-24 : भारतीय औद्योगिक क्षेत्र की तस्वीर
प्रस्तावना
भारत का औद्योगिक क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और नवाचार का प्रमुख स्तंभ है। औद्योगिक गतिविधियों की सटीक और अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (Annual Survey of Industries: ASI) आयोजित किया जाता है।
हाल ही में 2023-24 के परिणाम केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) द्वारा जारी किए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि भारत का औद्योगिक परिदृश्य किस तरह बदल रहा है।
वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) क्या है?
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कानूनी आधार: यह सर्वेक्षण सांख्यिकी (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
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कौन शामिल होते हैं:
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कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत पंजीकृत कारखाने
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बीड़ी और सिगार श्रमिक अधिनियम, 1966 के तहत बीड़ी-सिगार इकाइयाँ
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वे विद्युत उपक्रम जो केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के पास पंजीकृत नहीं हैं
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कौन शामिल नहीं होते: रक्षा प्रतिष्ठान, तेल भंडारण एवं वितरण डिपो, रेलवे वर्कशॉप, गैस भंडारण इकाइयाँ आदि।
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उद्देश्य:
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उद्योगों की संरचना और विकास को मापना
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मूल्यवर्धन, रोजगार और पूंजी निर्माण का आकलन करना
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नीति-निर्माण के लिए विश्वसनीय आँकड़े उपलब्ध कराना
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2023-24 सर्वेक्षण के मुख्य परिणाम
1. सकल मूल्य वर्धन (Gross Value Added – GVA)
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GVA में 11.89% वृद्धि दर्ज की गई।
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शीर्ष 5 उद्योग (GVA योगदान के आधार पर):
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बेसिक मेटल
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मोटर वाहन
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रसायन एवं रासायनिक उत्पाद
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खाद्य उत्पाद
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औषधि उत्पाद
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2. औद्योगिक उत्पादन
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औद्योगिक उत्पादन में 5.80% से अधिक वृद्धि दर्ज की गई।
3. रोजगार परिदृश्य
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सबसे अधिक रोजगार देने वाले राज्य:
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तमिलनाडु
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गुजरात
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महाराष्ट्र
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उत्तर प्रदेश
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कर्नाटक
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4. पारिश्रमिक
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नियोजित कर्मियों को मिलने वाले प्रति व्यक्ति औसत पारिश्रमिक में 5.6% की वृद्धि हुई।
प्रमुख शब्दावली और उनकी परिभाषाएँ
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सकल मूल्य वर्धन (Gross Value Added – GVA):
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उत्पादन प्रक्रिया से उत्पन्न अतिरिक्त मूल्य।
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सूत्र: कुल आउटपुट – कुल इनपुट की लागत
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निवल मूल्य वर्धन (Net Value Added – NVA):
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GVA से मूल्यह्रास (Depreciation) घटाने पर मिलने वाला शुद्ध मूल्य।
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स्थायी पूंजी (Fixed Capital):
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दीर्घकालिक परिसंपत्तियाँ (भवन, मशीनरी, भूमि) का मूल्य, मूल्यह्रास घटाने के बाद।
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इसका अर्थ है – ऐसे निवेश जो लंबे समय तक उत्पादन क्षमता बढ़ाते हैं।
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औद्योगिक सर्वेक्षण क्यों है महत्वपूर्ण?
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नीति निर्माण: सरकार को निवेश, रोजगार और उत्पादन के सही आंकड़े मिलते हैं।
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आर्थिक वृद्धि का आकलन: यह उद्योगों के योगदान को GDP से जोड़कर दिखाता है।
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रोजगार सृजन: पता चलता है कि कौन से राज्य और उद्योग सबसे अधिक नौकरियाँ दे रहे हैं।
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भविष्य की योजना: पूंजी निवेश और तकनीकी बदलावों को देखते हुए सरकार सुधार कर सकती है।
निष्कर्ष
वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) 2023-24 ने स्पष्ट किया है कि भारत का औद्योगिक क्षेत्र निरंतर विकास कर रहा है। बेसिक मेटल और मोटर वाहन उद्योग जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से मूल्यवर्धन हुआ है, वहीं तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्य रोजगार के बड़े केंद्र बनकर उभरे हैं।
यह सर्वेक्षण बताता है कि भारत की औद्योगिक संरचना बदल रही है और इसमें वृद्धि, रोजगार और निवेश की नई संभावनाएँ लगातार सामने आ रही हैं।