प्रोजेक्ट 17A: भारतीय नौसेना की शक्ति में नया अध्याय
भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौसेना लगातार आधुनिक तकनीक से लैस हो रही है। इसी दिशा में हाल ही में प्रोजेक्ट 17A के तहत निर्मित दो अत्याधुनिक मल्टी-मिशन स्टील्थ फ्रिगेट्स – आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को नौसेना में शामिल किया गया है।
प्रोजेक्ट 17A क्या है?
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प्रोजेक्ट 17A, भारतीय नौसेना के लिए उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट्स के निर्माण की योजना है।
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ये युद्धपोत शिवालिक-श्रेणी के फ्रिगेट्स के फॉलो-ऑन (Follow-on) वर्जन हैं, जिन्हें और अधिक आधुनिक तकनीकों से अपग्रेड किया गया है।
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इस परियोजना के तहत कुल 7 फ्रिगेट्स का निर्माण किया जा रहा है।
निर्माण और स्वदेशीकरण
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इन फ्रिगेट्स का निर्माण भारत में ही दो प्रमुख शिपयार्ड द्वारा किया जा रहा है:
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मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई
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गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता
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इस परियोजना ने ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई गति दी है।
आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि की प्रमुख विशेषताएँ
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स्टील्थ तकनीक – रडार पर पकड़ में आने की संभावना बेहद कम, जिससे दुश्मन इन्हें आसानी से ट्रैक नहीं कर सकता।
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हथियार प्रणाली –
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सुपरसोनिक सतह-से-सतह मिसाइल (SSM) – समुद्र से समुद्र पर दूर तक सटीक वार करने में सक्षम।
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मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल (SAM) – हवाई खतरों जैसे फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम।
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बहुउद्देश्यीय क्षमता –
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एंटी-एयर
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एंटी-सबमरीन
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एंटी-सरफेस (Surface warfare)
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इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर
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आधुनिक सेंसर और रडार सिस्टम – निगरानी और लक्ष्य साधने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
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उच्च गति और लंबी रेंज – समुद्र में लंबे समय तक अभियान चलाने में सक्षम।
रणनीतिक महत्व
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हिंद महासागर क्षेत्र में चीन और अन्य देशों की बढ़ती उपस्थिति के बीच भारत के लिए स्टील्थ फ्रिगेट्स नौसैनिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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ये जहाज़ भारत की ब्लू वॉटर नेवी बनने की महत्वाकांक्षा को मजबूत करते हैं।
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स्वदेशी निर्माण क्षमता भारत की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को दर्शाती है।
आगे की राह
प्रोजेक्ट 17A सिर्फ एक नौसैनिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक सोच, स्वदेशी क्षमता और आधुनिक युद्धक तकनीक के संगम का प्रतीक है। आने वाले वर्षों में जब इसके सभी 7 जहाज़ नौसेना में शामिल हो जाएंगे, तब भारत की समुद्री शक्ति और भी अधिक व्यापक और सशक्त होगी।
निष्कर्ष
आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि का नौसेना में शामिल होना भारतीय नौसेना की ताकत में एक नया अध्याय जोड़ता है। प्रोजेक्ट 17A यह साबित करता है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैयार है, बल्कि वह विश्व पटल पर एक आधुनिक और आत्मनिर्भर नौसैनिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।