
सेबी ने अनिल अंबानी और 24 अन्य संस्थाओं को 5 साल के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित किया
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने यह पाया है कि उद्योगपति अनिल अंबानी, जिन्होंने फरवरी 2020 में यूके की एक अदालत में खुद को दिवालिया घोषित किया था, ने रिलायंस होम फाइनेंस से पैसा निकालने के लिए एक धोखाधड़ी योजना बनाई थी। इसके चलते, सेबी ने उन्हें 5 साल के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है।
अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना
सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उन्हें अगले 5 वर्षों के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या मुख्य प्रबंधकीय कर्मी (KMP) बनने से रोक दिया है। वह इस अवधि के दौरान सेबी द्वारा पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ संस्था में भी काम नहीं कर सकते।
अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट
इस खबर के बाद, अनिल अंबानी की कंपनियों – रिलायंस पावर, रिलायंस होम फाइनेंस, और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में 14% तक की गिरावट दर्ज की गई।
रिलायंस होम फाइनेंस में धोखाधड़ी का मामला
वित्त वर्ष 2018-19 में रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) में पैसे की गड़बड़ी की शिकायतों के बाद, सेबी ने जांच की और पाया कि अनिल अंबानी इस धोखाधड़ी योजना के मुख्य सूत्रधार थे। सेबी ने कहा कि इस मामले में बड़ी सूचीबद्ध कंपनी के भीतर नियंत्रण में गंभीर खामियां पाई गईं, जो प्रमोटर और कंपनी के कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के निर्देश पर काम कर रही थी।
24 अन्य संस्थाओं पर भी प्रतिबंध और जुर्माना
सेबी ने अपने 222 पन्नों के अंतिम आदेश में RHFL के पूर्व प्रमुख अधिकारियों सहित 24 अन्य संस्थाओं को भी 5 साल के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा, RHFL को 6 महीने के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित किया गया है और 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
प्रमुख अधिकारियों और अन्य संस्थाओं पर जुर्माना
प्रतिबंधित 24 संस्थाओं में RHFL के पूर्व प्रमुख अधिकारी – अमित बपना, रवींद्र सुधालकर, और पिंकेश आर शाह शामिल हैं। सेबी ने बपना पर 27 करोड़ रुपये, सुधालकर पर 26 करोड़ रुपये, और शाह पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। अन्य संस्थाओं, जैसे कि रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट लिमिटेड, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज़ होल्डिंग्स लिमिटेड, और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अनिल अंबानी का प्रत्यक्ष संबंध
जांच में पाया गया कि RFHL के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों, जिनमें अनिल अंबानी भी शामिल हैं, ने RHFL से पैसा निकालने के लिए इसे ‘लोन’ के रूप में दिखाया और उसे ऐसे लोगों को दिया जो वास्तव में कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं थे। ये सभी उधारकर्ता अनिल अंबानी या उनकी कंपनियों से जुड़े हुए थे। सेबी ने कहा कि अनिल अंबानी ने अपने प्रभाव और पद का दुरुपयोग कर यह धोखाधड़ी की।
RHFL के निवेशकों को भारी नुकसान
सेबी ने यह भी पाया कि RHFL ने कई कंपनियों को बिना किसी संपत्ति, नकद प्रवाह, या आय के बड़े लोन दिए थे। जब ये कंपनियां लोन चुकाने में असफल रहीं, तो RHFL खुद अपने कर्जों का भुगतान नहीं कर पाई, जिससे उसे बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसका असर कंपनी के निवेशकों पर भी पड़ा, और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। उदाहरण के लिए, मार्च 2018 में RHFL का शेयर मूल्य लगभग 59.60 रुपये था, जो मार्च 2020 तक गिरकर केवल 0.75 रुपये रह गया। वर्तमान में, 9 लाख से अधिक निवेशक RHFL में नुकसान का सामना कर रहे हैं।