त्रिनेत्र ऐप 2.0: यूपी पुलिस का डिजिटल नवाचार
📋 चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराध की रोकथाम और जांच के लिये अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म त्रिनेत्र ऐप को अपडेट कर त्रिनेत्र 2.0 लॉन्च किया है। यह ऐप आपराधिक रिकॉर्ड्स के डिजिटलीकरण के साथ फेस रिकग्निशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस है।
📝 मुख्य बिंदु:
- विस्तृत आपराधिक डेटाबेस:
- त्रिनेत्र 2.0 में 9.32 लाख से अधिक आपराधिक रिकॉर्ड डिजिटाइज़ किए गए हैं।
- सुरक्षा जाँच के दौरान, फ्रंटलाइन अधिकारियों को संदिग्धों की तेज़ी से पहचान करने की सुविधा प्रदान करता है।
- कौन कर सकता है उपयोग?
- इस ऐप का उपयोग इंस्पेक्टर और उससे ऊपर रैंक के सभी पुलिस कर्मी कर सकते हैं।
- अधिकारियों को अपराध इतिहास, FIR विवरण, पूछताछ रिपोर्ट, तस्वीरें, ऑडियो रिकॉर्डिंग, पुरस्कार और कारावास विवरण जैसी जानकारी तक त्वरित पहुँच मिलती है।
- फेस रिकग्निशन तकनीक:
- ऐप की चेहरे की पहचान क्षमता संदिग्धों की पहचान को सरल और तेज़ बनाती है, जिससे अपराध की जाँच अधिक प्रभावी होती है।
- फोटो डेटा का उपयोग कर लापता व्यक्तियों का पता लगाने और परिवारों के पुनर्मिलन की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
- क्राइम GPT:
- AI-सक्षम ‘क्राइम GPT’ फीचर अपराधियों और आपराधिक गतिविधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी तक त्वरित पहुँच सुनिश्चित करता है।
- यह जाँच प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके समय की बचत करता है और अपराध रोकथाम में योगदान देता है।
- फोटो लिंकिंग:
- त्रिनेत्र 2.0 फोटो लिंकिंग के जरिये संदिग्धों और लापता व्यक्तियों के बीच कनेक्शन खोजने में सहायता करता है।
निष्कर्ष:
त्रिनेत्र ऐप 2.0 का अपडेट उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक तकनीक से सशक्त करता है, जिससे अपराध की रोकथाम, जाँच की गति और लापता व्यक्तियों की खोज के प्रयासों में सुधार होगा। AI आधारित क्राइम GPT और फेस रिकग्निशन जैसी सुविधाएँ कानून प्रवर्तन के लिये डिजिटल नवाचार का बेहतरीन उदाहरण हैं। यह ऐप पुलिसिंग को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।